Uttar Pradesh: भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय नेता के घर पर रेड करने के आरोप में चार पुलिस कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक थाना प्रभारी एसएचओ को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीजेपी नेता रमेश कुमार पांडे के मुताबिक, पुरकलंदर पुलिस थाने की टीम ने केशवपुर अंजना गांव में उनके आवास पर छापा मारा और उनके घर में तोड़फोड़ की तथा उन्हें हिरासत में लिया और दिवाली से एक दिन पहले की आधी रात को थाने ले आए, हालांकि पुलिस को उनके घर से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।
'जान बचाने के लिए 40000 रुपये पुलिस को दिए'
पांडे भारतीय किसान मोर्चा के पदाधिकारी हैं और भाजपा के बूथ प्रभारी भी हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने जिले के सीनियर बीजेपी नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अयोध्या में दीपोत्सव समारोह के कारण उन्हें कोई मदद नहीं मिली। पांडे के मुताबिक, पुलिसवालों ने उन्हें एनडीपीएस एक्ट और शस्त्र अधिनियम के तहत जेल भेजने की धमकी दी। जिसके डर से बीजेपी नेता ने जान बचाने के लिए अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए और पुलिस को 40 हजार रुपये दिए तथा किसी तरह खुद को थाने से छुड़ाया।
जांच में पुलिसवाले पाए गए दोषी
थाने से छूटने के बाद पांडे ने बीजेपी के सीनियर नेताओं को अपनी सारी कहानी सुनाई, लेकिन पीएम के दौरे के चलते उन्हें कुछ देर चुप रहने की सलाह दी गई। उन्होंने दिवाली के बाद फिर से भाजपा नेताओं से संपर्क किया, जिसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को अयोध्या के SSP प्रशांत वर्मा के संज्ञान में मामला लाया। एसएसपी ने जांच की और पुलिसवाीलों को दोषी पाया।
'मुझे शिकायतकर्ता से मिला लिखित आवेदन'
एसएसपी प्रशांत वर्मा ने बताया, "मुझे शिकायतकर्ता से लिखित आवेदन मिला है। इसके बाद जांच की गई, जिसमें प्रथम दृष्टया पुलिसवालों को गैरकानूनी गतिविधि करने का दोषी पाया गया। मैंने भाजपा नेता के घर पर छापेमारी और तोड़फोड़ करने वाले चार कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है और पुरकलंदर थाने के थाना प्रभारी SHO को लाइन हाजिर कर दिया है।"
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