लखीमपुर-खीरी में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया है। वहीं, वीरेंद्र शुक्ला को सबूत छिपाने का आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा 13 अन्य आरोपी अभी भी इस मामले में जेल में बंद हैं। चार्जशीट के साथ पुलिस ने कई अन्य अहम सबूत भी पेश किए हैं। पुलिस ने 302 के तहत मामले की चार्जशीट दाखिल की है। ये धारा हत्या के मामले में लगाई जाती है।
SIT ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट में ज्यादा से ज्यादा गवाहों के बयान लिए हैं। वीरेद्र शुक्ला पर IPC की धारा 201 लगाई गई है। उनके ऊपर सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया है। SIT ने कई सारे सबूत भी रखे हैं। सभी सबूतों को एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में दाखिल किया है। पहले कहा जा रहा था कि ये पूरा मामला हादसे से जुड़ा हो सकता है, लेकिन चार्जशीट में IPC की धारा 302 यानी हत्या में दर्ज की गई है।
एसआईटी ने अपनी विस्तृत जांच पूरी कर ली है। इस पर सुप्रीम कोर्ट भी नज़र रख रहा था। एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट बताना होता था कि कौन-सी जांच कहां तक आगे बढ़ी है। 5 हजार पन्ने की चार्जशीट में सभी फुटेज को आधार बनाया है। एसआईटी ने अपनी जांच में माना कि ये पूरा मामला सुनियोजित साजिश का है। इसके बाद आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
3 अक्टूबर को हुई इस घटना में चार किसानों व एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। आशीष मिश्रा व उसके साथियों पर आरोप है कि वह फायरिंग करते हुए किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदते हुए निकल गया था। इसमें चार की मौत और कई गंभीर घायल हो गए थे। इसके बाद 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि बाद में एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि यह एक हादसा नहीं बल्कि सोची समझी साजिश थी। इसके बाद 10 अक्टूबर को आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी हुई थी।
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