सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा है। वायरल फोटो को इलाहाबाद कोर्ट के अंदर की बताई जा रही है। जिसमें देखा जा सकता है कि कोर्ट के रूम के भीतर अर्दली अपनी कमर में पेटीएम का क्यूआर कोड लगाए दिख रहा है। जब वायरल फोटो की जांच की गई तो इलाहाबाद कोर्ट का ही पाया गया।
जमादार की गई नौकरी
मिली जानकारी के मुताबिक, कोर्ट परिसर के अंदर डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर रिश्वत लेने के आरोप में एक कोर्ट बंडल लिफ्टर, जिसे 'कोर्ट जमादार' भी कहा जाता है। उसे निलंबित कर दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने न्यायमूर्ति अजीत सिंह के 29 नवंबर के पत्र पर विचार करने के बाद यह फैसला लिया, जिसमें अदालत जमादार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी।
कब फोटो हुआ वायरल
जमादार की ड्यूटी न्यायमूर्ति अजीत सिंह की अदालत के साथ थी।अदालत के जमादार राजेंद्र कुमार को वर्दी पहने और अदालत परिसर के अंदर पेटीएम क्यूआर कोड ले जाने की एक कथित तस्वीर हाल ही में उच्च न्यायालय के वकीलों के विभिन्न व्हाट्सएप समूहों में प्रसारित की गई थी। सोशल मीडिया ये पर ये फोटो 29 नवंबर से ही वायरल हो रही थी।
हाईकोर्ट में क्या है ये पंरपरा?
इलाहाबाद कोर्ट में इस तरह की बख्शीश देने की कोई बात नई नहीं है। कुछ लोगों ने नाम न बताते के शर्त पर कहा कि जब भी किसी वकिल के पक्ष में फैसला आता है तो जमादार बख्शीश मांगते हैं। इसमें वकील भी देने में गुरेज नहीं करते हैं वे भी आसानी से दे देते हैं। हालांकि इस जमादार के अनोखे तरीके ने परेशानी खड़ा कर दिया है। इस संबंध में लोगों ने बताया कि आमतौर चेंज की दिक्कत आती थी, इसलिए जमादार राजेंद्र कुमार ने पेटीएम का क्यूआर कोड कमर में लगा लिया था। यानी कोई वकिल चेंज न होने का बहाना करता तो उसके पास अन्य कोई साधन हो, जिससे पैसे ले सकें।
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