PFI को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया गजवा-ए-हिंद 2047 मिशन उत्तर प्रदेश में भी चला रहा था। यूपी पुलिस के सूत्रों से ये बड़ी और अहम जानकारी इंडिया टीवी के हाथ लगी। सूत्रों के मुताबिक PFI गजवा-ए-हिंद 2047 मिशन के लिए यूपी में फंड इकट्ठा कर रहा था। इस मामले में यूपी एटीएस ने PFI के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ATS की पूछताछ में ये बड़ा खुलासा हुआ है।
PFI ने विदेश से ली सीक्रेट फंडिंग
सूत्रों ने बताया कि PFI के गजवा-ए-हिंद मिशन का खुलासा बिहार से हुआ था। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को कहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के विदेश में रहने वाले कुछ सदस्यों ने भारत में प्रवासी भारतीयों (NRI) खातों में फंड भेजा जिसे बाद में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को ट्रांसफर कर दिया गया। इसका मकसद विदेशी वित्तोषण से संबंधित कानून से बचना था। एक दिन पहले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने पीएफआई के खिलाफ देशभर में छापे मारे थे और उसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
विदेशी फंडिंग के लिए हवाला की मदद ली
ED ने आरोप लगाया कि पीएफआई ने विदेश में फंड इकट्ठा किया और उसे हवाला/अन्य माध्यम से भारत भेजा। ईडी ने कहा कि फंडिंग पीएफआई/सीएफआई और अन्य संबंधित संगठनों के सदस्यों, कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों के खातों के जरिए भी भेजा गया। एजेंसी ने कहा कि विदेश से हासिल पैसे को सरकारी एजेंसियों से छुपाया गया और पीएफआई द्वारा ऐसे फंड और चंदा को जुटाने में नियमों का पालन नहीं किया गया, क्योंकि वह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत नहीं है।
"पीएफआई ने भारत के प्रति फैलाई नफरत"
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यालयों और उसके नेताओं के ठिकानों पर की गई देशव्यापी छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों में बेहद संवेदनशील सामग्री मिली है, जिसमें एक समुदाय विशेष के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया गया है। कोच्चि में विशेष एनआईए अदालत में सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया है कि इस चरमपंथी इस्लामी संगठन ने युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए बरगलाया।
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