Nupur Sharma Controversy: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयानों को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आज शनिवार को कहा कि अगर सरकार ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर मुकदमा दर्ज कर उनको जेल भेज दिया होता, तो प्रदेश में जो हिंसक घटनाएं हुई हैं, वह नहीं होती।
हरदोई में पत्रकारों से बातचीत में सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर जमकर हमला बोला और सरकार पर बयान देने वाले नेताओं को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने शुक्रवार को हुई हिंसक घटनाओं को लेकर कहा, "आग लगाने का काम करने वाले नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ सरकार ने अगर कार्रवाई कर दी होती, तो कोई घटना नहीं होती।"
'जो लोग घटना की जड़ में हैं, सरकार उन्हें बचाने में लगी है'
उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग घटना की जड़ में हैं, सरकार उन्हें बचाने में लगी है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने बयान दिया और जिन्होंने कानून अपने हाथ में लिया, उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करे, निर्दोषों को परेशान न करें। राजभर ने खुफिया तंत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस शहर (कानपुर) में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मौजूद हों और पूरा प्रशासनिक अमला हो, वहां पर इतनी बड़ी घटना होना खुफिया तंत्र के असफल होने का सबूत है।
3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़की थी
गौरतलब है कि 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी, क्योंकि एक टीवी चैनल की बहस के दौरान बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में दुकानों को बंद करने के प्रयासों में ईंट-पत्थर और बम फेंके थे। बढ़ते विरोध के बीच बीजेपी ने घटना के बाद नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया और दिल्ली में बीजेपी के मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ने 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा, जबकि इसके पहले 2017 में वह बीजेपी के साझीदार थे। बाद में उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था।
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