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Noida News: नोएडा में फर्जी MBBS डिग्री के सहारे खोला था IVF सेंटर, महिला की मौत के बाद खुला राज

Noida News: जांच के दौरान, डॉक्टर के मेडिकल सर्टिफिकेट्स का वेरिफिकेशन किया गया। 2005 की उनकी MBBS डिग्री में बिहार के मधेपुरा में भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय का उल्लेख किया गया था, लेकिन वेरिफिकेशन के दौरान डिग्री फर्जी पाई गई।

Woman dies- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Woman dies

Noida News: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक शख्स फर्जी MBBS डिग्री के सहारे आईवीएफ सेंटर (IVF Centre) चला रहा था। फर्जी डॉक्टर द्वारा संचालित अस्पताल में इलाज में ‘‘घोर लापरवाही’’ के कारण एक महिला की मौत हो गई। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए फर्जी डॉक्टर प्रियरंजन ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ बिसरख पुलिस थाना में FIR दर्ज की गई है। डॉक्टर जिस MBBS डिग्री के सहारे इस सेंटर का चला रहा था, जांच में वो फर्जी मिली है। महिला की मौत के बाद पुलिस ने इस आईवीएफ सेंटर की जांच शुरू की थी।

कोमा में गई महिला, एक हफ्ते बाद हुई मौत
गाजियाबाद के इंदिरापुरम की रहने वाली महिला 19 अगस्त को बिसरख इलाके के इको विलेज 2 में ठाकुर द्वारा संचालित IVF क्रिएशन वर्ल्ड सेंटर गई थी। अधिकारियों ने कहा कि वह इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रोसेस के लिए 2 महीने से अस्पताल का दौरा कर रही थी, जो गर्भावस्था के लिए एक टेक्नोलॉजी-सहायता वाली मेथड है। उन्होंने कहा कि प्रोसेस के दौरान महिला बीमार पड़ गई और सेंटर में आपातकालीन सहायता की कमी के कारण उसकी हालत इतनी खराब हो गई कि वह कोमा में चली गई और उसे दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा।

Image Source : social mediaआरोपी फर्जी डॉक्टर

वेरिफिकेशन में फर्जी पाई गई MBBS डिग्री
पुलिस ने बताया, ‘‘19 अगस्त को IVF ट्रीटमेंट के दौरान वह बीमार पड़ गई और उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां 26 अगस्त को उसकी मौत हो गई। आईवीएफ केंद्र के मालिक ठाकुर को महिला की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘जांच के दौरान, ठाकुर के मेडिकल सर्टिफिकेट्स का वेरिफिकेशन किया गया। 2005 की उनकी MBBS डिग्री में बिहार के मधेपुरा में भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय का उल्लेख किया गया था, लेकिन वेरिफिकेशन के दौरान डिग्री फर्जी पाई गई।’’

महिला की मौत के तुरंत बाद शिकायत दर्ज
महिला की मौत के तुरंत बाद उसके पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 40 वर्षीय फर्जी डॉक्टर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 338 (लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालना) और 304 (लापरवाही के कारण मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि ठाकुर की मेडिकल डिग्री के फर्जी पाए जाने के बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 और 471 (सभी जालसाजी से संबंधित) के तहत एक और FIR दर्ज की गई है।

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