Noida Twin Tower: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा की एमराल्ड परियोजना से जुड़े सुपरटेक (Supertech) के 40 मंजिला ट्विन टावर को ढहाने के लिए शुक्रवार को 28 अगस्त की तारीख तय की है। इतना ही नहीं शीर्ष अदालत ने तकनीकी या मौसम संबंधी कारणों से होने वाली देरी की स्थिति में ट्विन टावर को ढहाने की समय सीमा में चार सितंबर तक ढील भी दी। अदालत ने इससे पहले नियमों की अनदेखी को लेकर दोनों इमारतों को गिराने के लिए 21 अगस्त की समय सीमा तय की थी।
कोर्ट ने दी एक सप्ताह की अतिरिक्त मोहलत
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने दोनों टावर को गिराने की कवायद में जुटी एजेंसियों को इस आधार पर 29 अगस्त से चार सितंबर के बीच की एक सप्ताह की अतिरिक्त ‘मोहलत’ दी कि तकनीकी या मौसम संबंधी कारणों से इमारतों को ढहाने की प्रक्रिया में थोड़ी देरी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के प्रबंधन सहित अन्य सभी संबंधित एजेंसियों को टावर को गिराने की कवायद में जुटी एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। इससे पहले, 17 मई को अदालत ने विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ट्विन टावर को ढहाने की समय सीमा 28 अगस्त तक बढ़ा दी थी। न्यायालय ने यह आदेश ‘इंटेरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल’ (आईआरपी) की ओर से दायर अर्जी पर दिया, जिसमें ध्वस्तीकरण के लिए नियुक्त एजेंसी ‘एडिफिस इंजीनियरिंग’ द्वारा परीक्षण विस्फोटों के बाद डिजाइन में मामूली बदलाव के आधार पर दोनों इमारतों को ढहाने की समयसीमा 22 मई 2022 से तीन महीने बढ़ाकर 28 अगस्त 2022 करने का अनुरोध किया गया था।
नोएडा प्राधिकरण ने 22 मई दी थी ढहाने की तारीख
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, “विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने की मीयाद 28 अगस्त 2022 तक बढ़ाई जाती है। इस आदेश के पारित होने की तारीख और सुनवाई की अगली तारीख से एक हफ्ते पहले के बीच की तारीख तक नोएडा प्राधिकरण की ओर से सभी हितधारकों की बैठक बुलाने के बाद संबंधित फैसले के अमल में लाए जाने के संबंध में उठाए जा रहे कदमों पर एक स्टेटस रिपोर्ट दायर की जानी चाहिए।”
नोएडा प्राधिकरण ने 28 फरवरी को शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि ध्वस्तीकरण के लिए काम शुरू हो गया है और ट्विन टावर 22 मई तक पूरी तरह से ढहा दिए जाएंगे। प्राधिकरण ने अपनी पिछली रिपोर्ट में कहा था कि इन विशाल संरचनाओं के ध्वस्तीकरण के बाद 22 अगस्त तक पूरे मलबे को हटा लिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ ‘मिलीभगत’ कर भवन मानदंडों का उल्लंघन करने के मामले में दोनों निर्माणाधीन टावर को तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश दिया था।
Latest Uttar Pradesh News