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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Nithari Murder Case: निठारी कांड से जुड़े एक और मामले में सुरेंद्र कोली को फांसी, अब तक 14 मामलों में मौत की सजा

Nithari Murder Case: निठारी कांड से जुड़े एक और मामले में सुरेंद्र कोली को फांसी, अब तक 14 मामलों में मौत की सजा

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने निठारी कांड से जुड़े एक अन्य मामले में मुख्य अभियुक्त सुरेंद्र कोली को गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई। 

Nithari Murder Case Surendra Koli- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Nithari Murder Case Surendra Koli

Highlights

  • निठारी कांड से जुड़े आखिरी मामले में फैसला
  • सुरेंद्र कोली को सुनाई गई फांसी की सजा
  • मोनिंदर सिंह पंढेर को सात साल की कैद

Nithari Murder Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने निठारी कांड से जुड़े एक अन्य मामले में मुख्य अभियुक्त सुरेंद्र कोली को गुरुवार को फांसी की सजा सुनाई। इसके अलावा अदालत ने एक अन्य अभियुक्त मोनिंदर सिंह पंढेर को सात साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। 

निठारी कांड का आखिरी मुकदमा

विशेष लोक अभियोजक दर्शन लाल ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में 83 गवाहों को अदालत में पेश किया और उनके बयानों एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर कोली को हत्या, बलात्कार, साजिश रचने और सुबूत मिटाने का दोषी पाया गया। उन्होंने बताया कि पंढेर को मानव तस्करी का दोषी पाया गया है। सीबीआई अदालत में इस मामले से जुड़ा यह आखिरी मुकदमा था। 

कुल 14 मामलों में मिली सजा-ए-मौत

इससे पहले कोली को 13 मामलों में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि तीन मामलों में उसे बरी किया गया है। अदालत ने तीन मामलों में पंढेर को भी सजा-ए-मौत सुनाई है। लाल ने अदालत में दलील दी कि कोली ने ऐसा अपराध किया है जो दुर्लभतम की श्रेणी में आता है और इससे इस मामले में मृतक महिला के साथ कोली द्वारा की गई क्रूरता जाहिर होती है। इस बीच, बचाव पक्ष के वकील सुधीर त्यागी ने कहा कि भ्रष्टाचार और सुबूत मिटाने की आरोपी महिला दरोगा सिमरनजीत कौर को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

क्या है निठारी कांड?

गौरतलब है कि 29 दिसंबर, 2006 को गौतम बुद्ध नगर के निठारी इलाके में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे स्थित नाले से 19 कंकाल बरामद किए गए थे। इस मामले में कोली और पंढेर को नोएडा की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था। इस संपूर्ण प्रकरण में कुल 16 मुकदमे दर्ज किए गए थे और अदालत में 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया था। 

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