मुंबई। महाराष्ट्र के मौलाना मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के खिलाफ हैं। यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने पर महाराष्ट्र के मौलाना इसका विरोध कर रहे हैं। इन मौलानाओं की दलील है कि राष्ट्रगान बहुत विशेष है। 26 जनवरी और 15 अगस्त को इसे गाया जाए तो ठीक है, लेकिन रोजाना राष्ट्रगान गाने से उसकी अहमियत कम हो जाएगी।
दरअसल, एक दिन पहले ही यूपी सरकार ने सभी अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में कक्षाएं शुरू करने से पहले विद्यार्थियों को राष्ट्रगान गाना अनिवार्य करने का फैसला लिया। लेकिन महाराष्ट्र में मदरसों में पढ़ाने वाले मौलाना राष्ट्रगान अनिवार्य करने के फैसले का विरोध कर रहें है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के शपथग्रहण समारोह से पहले मदरसा शिक्षा में सुधार को लेकर बोर्ड की एक बैठक हुई थी। इसमें कई बड़े प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया था। इनमें यह निर्णय भी शामिल रहा कि मदरसों में अब दुआ के साथ राष्ट्रगान भी अनिवार्य होगा, जिसे बच्चे और शिक्षक साथ मिलकर गाएंगे। बीते गुरुवार परिषद की एक बैठक में मदरसा शिक्षा के सुधार को लेकर चर्चा हुई, जिस दौरान कई बड़े प्रस्ताव पर मुहर लगी। जानकारी के मुताबिक, अब मदरसों में टीचर्स का रिक्रूटमेंट टीईटी की तर्ज पर होगा। नियुक्तियां MTET के जरिए की जाएंगी। वहीं, अगर मदरसों में छात्रों की संख्या कम होती है तो बाकी मदरसों में शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा।
अच्छी शिक्षा के लिए बोर्ड ने लिए सख्त फैसले
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण से पहले सूबे के मदरसा बोर्ड ने पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कुछ सख्त एक्शन लेने को लेकर यह बैठक आयोजित की थी। यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। बैठक में तय किया गया था कि नए सेशन से सभी अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में दुआ के साथ राष्ट्रगान भी अनिवार्य हो जाएगा। बच्चे और शिक्षक दोनों ही साथ मिलकर नेशनल एंथम गाएंगे।
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