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नामामि गंगे: गंगा-यमुना में घटा प्रदूषण और सरयू भी हो रही निर्मल

इस कार्यक्रम के तहत धार्मिक व पौराणिक नगर अयोध्या में पवित्र नदी सरयू में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर दूषित जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। इससे अयोध्या में पवित्र नदी सरयू के जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

Namami Gange: Pollution decreased in Ganga-Yamuna and Saryu is also getting clean- India TV Hindi Image Source : PTI कानपुर और वाराणसी में गंगा, अयोध्या में सरयू और वृंदावन में यमुना प्रदूषण मुक्त होने की ओर हैं।

Highlights

  • वाराणसी में इसका असर दिखाई देने लगा है।
  • नालों के पानी को एसटीपी में ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जा रहा है।
  • यह अभियान वो बड़े महानगर जहां से गंगा, यमुना और सरयू जैसी प्रमुख नदियां गुजरती हैं खात तौर पर चलाया जा रहा है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कानपुर और वाराणसी में गंगा, अयोध्या में सरयू और वृंदावन में यमुना प्रदूषण मुक्त होने की ओर हैं। इन नदियों में गिरने वाले नालों को टैप कर दिया गया है और एसटीपी से जोड़ते हुए नालों के पानी का ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जा रहा है। इन प्रमुख शहरों के 20 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है। अब इनके किनारों पर नए-नए एसटीपी बन गये हैं। इनमें नालों के सीवेज को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप कर शुद्ध किया जा रह है। यूपी सरकार की नामामि गंगे योजना ने आस्था और विश्वास की प्रतीक नदियों को नया जीवन दिया है। नामामि गंगे योजना ने नदियों को निर्मल और स्वच्छ बनाने के लिए दूषित नालों को रोकने के साथ प्रदूषण मुक्त करने का बड़ा काम किया है।

वाराणसी में इसका असर दिखाई देने लगा है। यहां 161.31 करोड़ की लागत से रमना में 50 एमएलडी का नया एसटीपी तैयार हो चुका है। इसके बाद यहां गंगा नदी में गिरने वाले 3 नालों को आईएण्डडी के माध्यम से टैप किया गया है। नालों के पानी को एसटीपी में ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जा रहा है। इसी तर्ज पर वृंदावन की यमुना नदी को भी प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 42.82 करोड़ की लागत से 5 नालों को टैप करने के साथ-साथ 4 एमएलडी के एसटीपी के नवीनीकरण और उच्चीकरण कार्य पूरा कर लिया है। सरकार के प्रयास से नदियों के जल की गुणवत्ता में भी पहले से काफी सुधार आया है।

ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और नमामि गंगे के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान वो बड़े महानगर जहां से गंगा, यमुना और सरयू जैसी प्रमुख नदियां गुजरती हैं खात तौर पर चलाया जा रहा है। वहां नालों को टैप करने के साथ-साथ नए एसटीपी शुरू किए जा रहे हैं। नदियों की स्वच्छता से जुड़ी हर योजना और हर कार्य की त्रिस्तरीय निगरानी की जा रही है।

इस कार्यक्रम के तहत धार्मिक व पौराणिक नगर अयोध्या में पवित्र नदी सरयू में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर दूषित जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जा रहा है। इससे अयोध्या में पवित्र नदी सरयू के जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। यहां 37.67 करोड़ की लागत से 5 नालों को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप करने का बड़ा काम किया गया है। साथ में 12 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है।

कानपुर नगरी में गंगा नदी का रूप बदल चुका है। यहां बिठूर में 13.40 करोड़ की लागत से 7 नालों को आईएण्डडी विधि द्वारा टैप किया गया है। एसटीपी में नालों के पानी को ट्रीटमेंट कर शुद्ध किया जा रहा है। गंगा नदी का प्रदूषण इससे अब खात्मे की ओर है। यहां नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवरेज योजना पर भी तेजी से काम हुआ है। 430.49 करोड़ की सीवरेज योजना से 106.67 किमी सीवर लाइनों को बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही 10350 सीवर हाउस कनेक्शन किये गये हैं और गंगा नदी में 182 किमी लम्बाई में गाद निकालने का काम पूरा कर लिया गया है।

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