गाजीपुर की एमपी-एमएलए गैंगेस्टर कोर्ट ने मऊ के पूर्व विधायक और बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में 10 साल की सजा सुनाई है और 5 लाख का जुर्माना लगाया है। इस मामले में 25 नवंबर को फैसला आना था, लेकिन अचानक पीठासीन अधिकारी के ट्रांसफर हो जाने से फैसला नहीं हो सका। नए पीठासीन अधिकारी के आने के बाद रोजाना सुनवाई शुरू हुई और 12 दिसंबर को बहस पूरी करके फैसला सुरक्षित रखा गया। 1996 में दायर हुए 5 केस को लेकर आज बहुप्रतीक्षित फैसले के तहत दोषी करार दे दिया गया है। जिरह पूरी होने के बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। मुख्तार के साथी भीम सिंह को भी दस साल कैद की सजा मिली है।
कुल 5 मुकदमे दर्ज किये गए थे
मामला 1996 का है। अभियुक्त मुख्तार अंसारी और भीम सिंह पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा गाज़ीपुर थाना कोतवाली में पंजीकृत किया गया था। गैंग चार्ज में कुल 5 मुकदमे दर्ज किये गए थे। इसमें गाज़ीपुर में एडीशनल एसपी पर जानलेवा हमले सहित बनारस के चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मुकदमा सम्मिलित था।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे
फैसले को लेकर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मुख्तार अंसारी पर 1991 में सिगरा, वाराणसी में अवधेश राय हत्याकांड, गाजीपुर कोतवाली क्षेत्र में तत्कालीन एडिशनल एसपी पर गोली चलाने के अलावा कुछ अन्य मामलों को लेकर कुल पांच चार्ज लगे थे।
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