बिजली चोरी के मामले में सपा के पूर्व मंत्री हाजी इकराम को अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पूर्व विधायक को दोषी मानते हुए 8 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट में अहम सबूत के तौर पर बिजली बिल की फर्जी रसीद रही। कोर्ट में अभियोजन पक्ष के तरफ से इस रसीद को पेश किया गया था। केस के अहम सबूतों में से फर्जी रसीद था, जिसके कारण पूर्व मंत्री को दोषी पाया गया।
बिजली विभाग को दिया चकमा
जानकारी के मुताबिक, पूर्व मंत्री की बर्फ की फैक्टरी थी। लंबे समय तक बिजली बिल जमा नहीं किया गया था, जिसके बाद बिजली विभाग की ओर से बिल भेजा गया। वहीं बिल जमा नहीं करने के बाद कस्टमर के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था। जब बिजली विभाग की टीम कनेक्शन काटने के लिए पहुंची तो पूर्व विधायक ने उन्हें 6 लाख 88 हजार 54 रुपये की रसीद सौंपी। मौके से बिजली विभाग की टीम चली गई लेकिन जब बाद में रसीद की जांच हुई तो फर्जी पाया गया।
सपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए
उस समय तत्कालीन अभियंता राधेश्याम यादव ने पूर्व विघायक के ऊपर एफआईआर करवाया। पुलिस ने पूरे मामले की जांच करने के बाद दोनों के खिलाप आरोपपत्र कोर्ट में पेश में कर दिया। कोर्ट ने बुधवार को 22 साल 5 महीने और 28 दिनों के बाद फैसला सुनाया है। पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को आईपीसी की धारा 420,467,468 और 471 में कोर्ट ने सजा सुनाई है। कोर्ट ने सात साल सजा के साथ 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट की ओर से सजा सुनाते ही समर्थकों की भीड़ जेल के बाहर जुट गई। आपको बता दें, हाजी इकराम कुरेशी सपा सरकार में मंत्री थे लेकिन पिछले विधानसभा में टिकट नहीं मिलने पर सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद कांग्रेस से चुनाव लड़ा था।
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