Lulu Mall Controversy: लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले 4 गिरफ्तार, अन्य 4 की तलाशी जारी, CM योगी ने सख्ती से निपटने के दिए हैं निर्देश
Lulu Mall Controversy: पुलिस के अनुसार, नमाज पढ़ने वाले आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उनमें से मॉल का कोई कर्मचारी नहीं हैं।
Highlights
- 'नमाज पढ़ने वालों में मॉल का कोई कर्मचारी नहीं'
- चारो आरोपी लखनऊ के रहने वाले हैं: पुलिस
- 13 जुलाई को नमाज पढ़ने का वीडियो हुआ था वायरल
Lulu Mall Controversy: उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज अदा करने वाले चार आरोपियों को मंगलवार सुबह गिरफ्तार किया, जबकि चार अन्य की तलाश की जा रही है। गिरफ्तारी के बाद मॉल में घुसने का प्रयास कर रहे अयोध्या के महंत परमहंस को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस घटना से संबंधित वायरल वीडियो में महंत यह कहते सुने जा सकते कि उन्हें मॉल में जाने से इसलिए रोका जा रहा हैं, क्योंकि वह भगवा वस्त्र पहने हुए हैं।
नमाज पढ़ने वाले आरोपियों से पूछताछ जारी- पुलिस
पुलिस के अनुसार, नमाज पढ़ने वाले आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उनमें से मॉल का कोई कर्मचारी नहीं हैं। पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर ने मंगलवार को कहा, ''मॉल में अनधिकृत रूप से नमाज पढ़ने को लेकर चार लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान मो. रेहान, आतिफ खान, मों लोकमान और मो नोमान के रूप में की गई है। वे सभी लखनऊ के रहने वाले हैं।"
ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए- सीएम योगी
उन्होंने बताया कि चार अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार रात कहा, ''लखनऊ प्रशासन को बहुत गंभीरता से इसे लेना चाहिए और इस प्रकार की किसी भी शरारत को स्वीकार नहीं करना चाहिए। उसे ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए, जो अनावश्यक मामलों को बढ़ावा देकर माहौल खराब करने का प्रयास करते हैं।''
लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का वीडियो हुआ था वायरल
पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर ने बताया कि लुलु मॉल में प्रवेश का प्रयास करने पर महंत परमहंस को हिरासत में ले लिया गया है। गौरतलब है कि बुधवार यानी 13 जुलाई को लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों पर शिकंजा कसा है। इसी मामले पर दक्षिणपंथी संगठन अखिल भारतीय हिंदू महासभा के कुछ सदस्यों ने 14 जुलाई को लुलु मॉल के गेट पर धरना-प्रदर्शन किया था। खुद को महासभा का राष्ट्रीय प्रवक्ता बताने वाले शिशिर चतुर्वेदी ने आरोप लगाया था कि अगर एक समुदाय विशेष के लोगों को मॉल के अंदर नमाज पढ़ने की अनुमति दी जा रही है, तब मॉल के अधिकारियों को हिंदुओं और अन्य धर्मावलंबियों को भी मॉल के अंदर प्रार्थना करने की इजाजत देनी चाहिए।
लुलु मॉल सभी धर्मों का आदर करता है- महाप्रबंधक
शिशिर चतुर्वेदी और संगठन के अन्य लोगों ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी। इस बीच, लुलु मॉल के महाप्रबंधक समीर वर्मा ने एक वीडियो जारी कर कहा था "लुलु मॉल सभी धर्मों का आदर करता है। मॉल के अंदर किसी भी तरह का धार्मिक कार्य या इबादत की इजाजत नहीं है। हम अपने स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों को ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने का प्रशिक्षण देते हैं।" मॉल प्रबंधन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा,''हमारे यहां जितने भी कर्मी हैं, उनमें स्थानीय उत्तर प्रदेश एवं देश के विभिन्न हिस्सों के लोग हैं। उनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिंदू हैं और शेष मुस्लिम, इसाई एवं अन्य हैं।''
'सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं'
चतुर्वेदी की शिकायत में कहा गया था, "मॉल के अंदर नमाज पढ़ी गई जो सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होने संबंधी नीति के खिलाफ है। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के मुताबिक, लुलु मॉल में पुरुष स्टाफ कर्मियों में 70% मुस्लिम हैं और 30% महिला स्टाफ हिंदू समुदाय से हैं। ऐसा करके लुलु मॉल प्रबंधन लव जिहाद को बढ़ावा दे रहा है।" गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मॉल कहे जा रहे लुलु मॉल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को उद्घाटन किया था। इस दौरान राज्य सरकार के कई मंत्री और लुलु समूह के अध्यक्ष युसूफ अली भी मौजूद थे।