उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह अपराध घिनौना और गंभीर है। बता दें कि आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे हैं। उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी की पीठ से कहा कि अपराध गंभीर है। उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर और घिनौना अपराध है और इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।"
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा
यूपी सरकार ने इस दौरान अदालत को चार्जशीट के बारे में भी अवगत कराया जिसमें गवाहों ने कहा है कि घटना के दौरान मिश्रा मौके से भाग रहा था। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कथित अपराध गंभीर प्रकृति के थे और ऐसे मामलों में जमानत देने से समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाले आरोपी आशीष मिश्रा की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली आशीष मिश्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
एसयूवी ने चार किसानों को कुचला था
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जब किसान क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार था। घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट पीटकर जान ले ली थी। हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था।
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