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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब, 2 हफ्ते का दिया समय

Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब, 2 हफ्ते का दिया समय

Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

Ashish Mishra(File Photo)- India TV Hindi Image Source : FILE Ashish Mishra(File Photo)

Highlights

  • अदालत ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई सात नवंबर को करेगी
  • मिश्रा को पिछले साल 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था
  • सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को मिश्रा की जमानत को रद्द कर दिया था

Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। जस्टिस बी.आर. गवई और बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई सात नवंबर को करेगी। मिश्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले में पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। 

26 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मिश्रा की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द कर दिया था और उन्हें एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। 

'हाई कोर्ट नए सिरे से करे जांच'

मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना (अब सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से कहा कि वह नए सिरे से जांच करे कि मिश्रा को जमानत दी जानी चाहिए या नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा, अपराध की प्रकृति और गंभीरता, दोष साबित की स्थिति में सजा की गंभीरता, आरोपी या पीड़ितों के लिए परिस्थितियां, आरोपी के भागने की संभावना, सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ की संभावना जैसे पहलुओं को देखने के बजाय, हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों के बारे में एक अदूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाया है।

'हाई कोर्ट ने दिखाई जल्दबाजी'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने 10 फरवरी के आदेश को पारित करने, मिश्रा को जमानत देने, पीड़ितों की निष्पक्ष और प्रभावी सुनवाई से इनकार करने में जल्दीबाजी दिखाई। मिश्रा को इस मामले में पिछले साल 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई झड़पों में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। लखीमपुर खीरी में मिश्रा की कार से कुचले गए किसानों के परिवार के सदस्यों ने उन्हें मिली जमानत को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

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