प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से पूछा है कि वे मथुरा में भगवा कृष्ण के मंदिर निर्माण का समर्थन करते हैं या विरोध। केशव मौर्य ने कहा है, "विपक्ष के जो भी राजनीतिक दल हैं जो मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं और बाद में मंदिरों में नतमस्तक होते हैं, मैं साफ तौर पर कहता हूं कि भगवान राम के मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है, बाबा विश्वनाथ मंदिर का भव्य कॉरिडोर बन रहा है, मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर बने यह हर कृष्ण भक्त की इच्छा है, मैनें भी उस भाव को ही प्रकट किया है, लेकिन मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि असली कृष्ण जन्मभूमि पर भगवान कृष्ण के मंदिर का भव्य मंदिर बनने का समर्थन करते हैं या विरोध।"
केशव प्रसाद मौर्य बुधवार को किए अपने एक ट्वीट के जरिए देशभर में चर्चा में आ गए हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने अपने ट्वीट संदेश में कहा था कि "अयोध्या काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है मथुरा की तैयारी है।" केशव मौर्य के इस ट्वीट को इस तरह से देखा जा रहा है कि अयोध्या की तरह मथुरा में भी भारतीय जनता पार्टी कृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे को भविष्य में हवा दे सकती है। केशव प्रसाद मौर्य ने आखिर यह ट्वीट क्यों किया था? इसको लेकर उनकी तरफ से आज गुरुवार को बयान आया है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि रामभक्त, शिवभक्त और कृष्णभक्त होने की वजह से उन्होंने अपना भाव व्यक्त किया था, उन्होंने कहा, "अयोध्या में राम लला का भव्य मंदिर बन रहा है, काशी में बाबा विश्वनाथ जी का कॉरिडोर बन रहा है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर की प्रतीक्षा है, भाजपा के लिए चुनाव के एजेंडे में अयोध्या में राम मंदिर, बाबा विश्वनाथ जी के मंदिर का विषय है या चाहे श्रीकृष्ण जन्म भूमि है। यह चुनाव के मुद्दे नहीं होते, ये आस्था और श्रद्धा के मुद्दे होते हैं। मैं राम भक्त हूं, शिवजी का भक्त हूं और कृष्ण जी का भक्त हूं। मैंने एक भक्त के रूप में अपना भाव व्यक्त किया था।"
‘मुसलमानों को दबाया और कुचला जा रहा है’
मौर्य के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सांसद बर्क ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद को तोड़कर जो मंदिर बनाया गया है वह भी कानून और इंसाफ के खिलाफ हुआ है। हिंदुस्तान में मुसलमानों को जबरदस्ती दबाया और कुचला जा रहा है। अब वे मथुरा की बात कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो हिंदुस्तान के अंदर मुसलमान मैदान में आ जाएगा। मुसलमान भी किसानों की तरह धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएगा। मथुरा में विवाद क्या है? जैसे इसको कह रहे थे कि मंदिर है, वैसे ही उसको भी कह रहे हैं। कोई खास विवाद नहीं है बल्कि जबरदस्ती की जा रही है। जुल्म किया जा रहा है हमारे साथ।’
इस बीच मथुरा में 6 दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह पर बालकृष्ण का जलाभिषेक, संकल्प यात्रा और रामलीला मैदान में सभा आयोजित करने जैसे कार्यक्रमों की घोषणा करने वाले संगठन जिला प्रशासन के रुख के बाद अपने घोषित कार्यक्रमों से पीछे हट गए हैं। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ‘रेड जोन’ की सुरक्षा में अतिरिक्त बल की तैनाती की है, जो 6 दिसंबर तक वहां मौजूद रहेंगे।
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