Kashi Namo Ghat: काशी में 84 पुराने घाट हैं पर यहां घूमने के लिए कोई फीस नहीं लगती, पर अब गंगा किनारे बैठने के शौकीनों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। जी हां, स्मार्ट सिटी कंपनी ने नमो घाट (खिड़किया घाट) पर एंट्री टोकन सिस्टम लागू कर दिया है। इसके तहत यहां 10 रुपए देने के बाद ही एंट्री मिलेगी, वो भी सिर्फ 4 घंटे के लिए। स्मार्ट सिटी के इस फैसले का सपा और कांग्रेस ने विरोध किया है। सपा ने इसे मनमानी करार दिया है। सोशल मीडिया यूजर्स भी पूछ रहे हैं कि आजादी के अमृत महोत्सव पर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में ये कैसी परंपरा की शुरुआत हो गई है।
'घाट के मेंटेनेंस में मदद मिलेगी'
स्मार्ट सिटी की ओर से अभी इस मामले में आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। लेकिन स्मार्ट सिटी के अफसरों का कहना है कि खिलड़िकया घाट पर भीड़ ज्यादा उमड़ रही थी इसलिए 10 रुपए का टिकट लगाने का फैसला लिया गया है। 10 रुपए बहुत ज्यादा नहीं है और इससे घाट के मेंटेनेंस में मदद मिलेगी। बता दें, दो साल पहले जुलाई के महीने में गंगा घाटों के पुजारियों, सांस्कृतिक आयोजनों और आरती पर शुल्क लगाने की बात सामने आई थी। तब नगर निगम के इस निर्णय का जमकर विरोध हुआ था। जिसके बाद तत्कालीन राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा था कि कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
35.83 करोड़ की लागत से बना है 'नमो घाट'
काशी में 84 घाट हैं। राजघाट के मालवीय पुल के पास 35.83 करोड़ की लागत से 'नमो घाट' (खिड़किया घाट) का फेज-1 तैयार किया गया है। अब ये काशी टूरिज्म का नया सेंटर बन गया है। बीती 7 जुलाई को पीएम मोदी वाराणसी आए थे। उन्हें नमो घाट को जनता को सौंपना था, लेकिन लास्ट समय में इसे लोकार्पण की लिस्ट से बाहर कर दिया गया था। PMO से कहा गया था कि घाट के डेवलमेंट के सभी काम जब पूरे हो जाएंगे तभी लोकार्पण होगा। आधे-अधूरे काम का लोकार्पण प्रधानमंत्री नहीं करेंगे।
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