Kanpur Violence: कानपुर हिंसा मामले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार हिंसा के दौरान पथराव ऊंची इमारतों से हुआ था। नई सड़क और आसपास बनी अवैध रूप से ऊंची इमारत सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। इस संबंध में संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कानपुर विकास प्राधिकरण को जांच करा कर कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है। इसी बीच कानपुर हिंसा में शामिल 9 और आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके साथ ही अब गिरफ्तार हुए लोगों की संख्या बढ़कर हुई 38 हो गई है। गिरफ्तार हुए आरोपियों में पुलिस की तरफ से दर्ज कराई FIR में नामजद व अज्ञात आरोपी शामिल हैं।
कानपुर हिंसा भड़काने के मामले में पुलिस कमिश्नर ने चार एसआईटी टीमों का किया गठन किया गया है। एक टीम को मुकदमों की विवेचना करने की जिम्मेदारी मिली है। दूसरी टीम सीसीटीवी वीडियो फुटेज की जांच और दंगाई की पहचान, तीसरी टीम को पेट्रोल पम्प की जांच की जिम्मेदारी और चौथी टीम को एसआईटी टीम सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
कानपुर में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के मामले में पेट्रोल बम के इस्तेमाल की बात सामने आई है। बोतल में पेट्रोल देने का सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने कब्जे में लिया है। नई सड़क पर हुई हिंसा में डिप्टी पड़ाव स्थित एक पेट्रोल पंप से बोतल में पेट्रोल लाया गया था। पुलिस को शक था कि पेट्रोल बम का इस्तेमाल किसी पेट्रोल पंप से खुले में मिले पेट्रोल से तो नहीं हुआ है। पुलिस की शंका सही निकली। डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर डिप्टी पड़ाव स्थित पेट्रोल पंप सीज कर दिया गया है। डीएम ने बोतल में पेट्रोल देने पर पंप संचालकों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
कानपुर में हुई हिंसा की घटना के बाद सरकार पूरी तरह एक्शन के मोड में है। इस मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। गौरतलब है कि हिंसा मामले में पुलिस ने रविवार को पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसके साथ ही गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत गिरफ्तार लोगों को रविवार को विशेष मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो समुदाय आमने सामने आ गए थे। इससे हिंसा भड़क गई थी। हिंसा के बाद पुलिस ने आंसुगैस के गोले छोड़े और बाद में स्थिति पर काबू पाया। हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में पत्थरबाजी हुई।
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