Kanpur School News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में एक प्राइवेट स्कूल में सुबह की प्रेयर के दौरान 'कलमा' पढ़ने का मामला सामने आया है। कानपुर का 'फ्लोरेट्स स्कूल' उस समय विवादों में आ गया जब छात्रों को सुबह की प्रेयर में 'कलमा' पढ़ने के लिए कहा गया। इसको लेकर बच्चों के माता-पिता और कुछ हिंदू संगठनों ने विरोध किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जिसने मामले में हस्तक्षेप किया और स्कूल से इस प्रथा को रोकने के लिए कहा। इसके साथ ही हिंदू संगठन स्कूल के शुद्धिकरण और तालाबंदी के जिद पर अड़ गए।
जानें क्या है पूरा मामला
इस विवाद की शुरुआत रविवार को हुई। एक शख्स ने अपने ट्विटर अकाउंट से 59 सेकंट का एक वीडियो वायरल हुआ जिसके बाद यह वीडियो फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर शेयर किया जाने लगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस को टैग किया गया था। वीडियो में एक महिला और उनकी बेटी दिखाई देती है। इसे बनाने वाले ने दोनों के चेहरे वीडियो में नहीं दिखाए हैं। महिला कह रही है, "स्कूल में बच्चों को रोजाना प्रार्थना के समय कलमा पढ़ाया जाता है।" महिला ने बच्ची से पूछा तो उसने जवाब दिया, ''हां..रोज पढ़ाया जाता है।''
आपको बता दें कि 2003 में स्थापित स्कूल में बच्चों को प्रार्थना के दौरान सभी धर्मों की वंदना कराई जाती है। गायत्री मंत्र, गुरुबानी और कलमा सुबह की सभा में पढ़ाया जा रहा है। यह प्रथा एक दशक से चल रही है लेकिन अचानक दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने इस पर आपत्ति जताई। इस मामले को बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत स्कूल में पहुंचकर बच्चों के पैरेंट्स के साथ शिकायत की आवाज बुलंद की। इसको लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल छात्रों पर धर्म थोप रहा है। इस पूरे मामले में पैरेंट्स का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चे को कई स्कूलों में पढ़ाया, लेकिन ऐसा किसी भी स्कूल में नहीं है जहां कलमा उन्हें पढ़ाया जाए।
अब धार्मिक प्रार्थना नहीं, केवल राष्ट्रगान होगा
वहीं, इस मामले पर स्कूल के प्रिंसिपल सुमित मखीजा ने कहा, "इस विवाद के बाद अब प्रबंधन ने सुबह की प्रेयर के दौरान केवल राष्ट्रगान पर ही टिके रहने का फैसला किया है।" प्रिंसिपल ने स्पष्ट किया है, "निश्चित रूप से किसी एक धर्म को बढ़ावा देने का कोई इरादा नहीं है।" उन्होंने कहा, "इस स्कूल में सालों से यह प्रथा रही है। स्कूल डायरी में हिंदू, सिख, ईसाई, इस्लाम सहित सभी प्रमुख धर्मों के छंद लिखे गए हैं। सभी धर्मों को समान सम्मान देने के लिए छंदों को पढ़ना एक अभ्यास के रूप में शुरू किया गया था। अब अचानक, हिंदू कट्टरपंथियों के एक ग्रुप और कुछ पैरेंट्स ने इसका विरोध किया है।"
आज आपत्ति जताने का मामला जब सामने आया तो स्कूल प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए वार्ता करके इस बात का आश्वासन दिया गया है कि भविष्य में स्कूल में किसी भी तरह की प्रार्थना नहीं होगी बल्कि सिर्फ राष्ट्रगान बच्चों को प्रार्थना में करना होगा। इस बीच, स्कूल अधिकारियों ने कहा है कि वे संबंधित अभिभावकों के साथ मिलकर इसे सुलझा लेंगे।
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