Kanpur News: कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन को सोना तस्करी मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई है। डीजीजीआई मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से पीयूष जैन को ये जमानत दी गई है। इससे पहले डीआरआई मामले में पहले ही पीयूष जैन को जमानत मिल चुकी है। इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शनिवार को पीयूष की रिहाई हो सकती है। जानकारी है कि 10 लाख के मुचलके पर पीयूष जैन की रिहाई हो रही है।
257 करोड़ रुपए की हुई थी बरामदगी
बता दें कि जीएसटी महानिदेशालय की खुफिया इकाई (डीजीजीआई) ने पिछले साल दिसंबर को जारी एक बयान में कहा था कि जैन के ठिकानों की तलाशी के दौरान कुल 197.49 करोड़ रुपये नकदी, 23 किलो सोना और कुछ अन्य कीमती 'आपत्तिजनक सामान' बरामद किए गए थे। यह बरामदगी सुगंधित उत्पाद बनाने वाली कंपनी ओडोकेम इंडस्ट्रीज से जुड़े परिसरों से की गई थी। जैन इसी कंपनी का प्रवर्तक था। एक अन्य अधिकारी ने बताया था कि पीयूष जैन के विभिन्न परिसरों में मारे गए छापे के दौरान सोने और चांदी समेत कुल 257 करोड़ रुपए की संपत्ति बरामद की गई थी। उन्होंने बताया कि बरामद रकम कथित रूप से एक माल ट्रांसपोर्टर द्वारा नकली चालान और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जुड़ी है।
"52 करोड़ काटकर बाकी रकम वापस दो"
कैश के अलावा पीयूष के कन्नौज वाले घर से 23 किलो सोना भी बरामद हुआ था। इसके बाद 27 दिसंबर को डीडीजीआई ने पीयूष को जेल भेज दिया था। पीयूष को जेल भेजने के बाद लखनऊ की डीआरआई ने उसके कन्नौज वाले घर से बरामद 23 किलो सोने को विदेशी बताया था और अपनी तरफ से FIR दर्ज की थी। तब से ही पीयूष जैन कानपुर जेल में बंद है। उसके ऊपर डीडीजीआई और डीआरआई, दोनो के ही मुकदमे चल रहे थे। इत्र कारोबारी पीयूष के परिजन उसकी जमानत के लिए बड़े-बड़े वकीलों के माध्यम से अदालत में पैरवी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि पीयूष जैन ने कोर्ट में आवेदन देकर कहा था कि मेरे ऊपर टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपए का टैक्स बनता है। उसने अनुरोध किया था कि डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) 52 करोड़ रुपए काटकर बाकी रकम मुझे वापस कर दे।
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