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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने समान नागरिक संहिता के खिलाफ प्रस्ताव किया पारित, मदनी बोले- यह संविधान के खिलाफ

Uttar Pradesh: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने समान नागरिक संहिता के खिलाफ प्रस्ताव किया पारित, मदनी बोले- यह संविधान के खिलाफ

जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा देवबंद में बुलाई गई एक बैठक के दौरान मौलवियों ने समुदाय को धैर्य रखने के लिए कहा और कहा कि भारत भी उनका है और जो मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं, वे खुद वहां चले जाएं। इस दौरान बैठक में ज्ञानवापी विवाद और यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किए गए।

Maulana Mahmood Madani- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Maulana Mahmood Madani

Highlights

  • जमीयत उलेमा-ए-हिंद का UCC के खिलाफ प्रस्ताव
  • समान नागरिक संहिता को स्वीकारने से किया इनकार
  • "शरीयत के मामलों में कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे"

Uttar Pradesh: जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा देवबंद में बुलाई गई एक बैठक के दौरान मौलवियों ने समुदाय को धैर्य रखने के लिए कहा और कहा कि भारत भी उनका है और जो मुसलमानों को पाकिस्तान जाने के लिए कह रहे हैं, वे खुद वहां चले जाएं। इस दौरान बैठक में ज्ञानवापी विवाद और यूसीसी के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किए गए।

क्या बोले मौलाना महमूद मदनी?

देवबंद में बुलाई गई इस बैठक में मौलाना महमूद मदनी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह संविधान की भावना के खिलाफ है, जो प्रत्येक नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता देता है। मौलाना महमूद मदनी ने कहा, "हमारे पास पाकिस्तान जाने का विकल्प था, लेकिन हमने यहीं रुकना चुना। जो लोग हमें अभी वहां भेजना चाहते हैं, वे खुद जा सकते हैं।"

"शरीयत के मामलों में कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं"

मौलवियों ने रविवार को कहा कि प्राचीन पूजा स्थलों पर पिछले विवादों को बार-बार उठाना देश में शांति और सद्भाव के लिए ठीक नहीं है। बैठक में ज्ञानवापी विवाद और यूसीसी पर प्रस्ताव भी पारित किए गए। मौलवियों ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला देते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इस मुद्दे पर विवाद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम शरीयत के मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

भावुक हो गए थे महमूद मदनी

शनिवार को देवबंद में जमीयत के जलसे के दौरान काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद के विवाद के बीच मौलाना महमूद मदनी ने देश के मुसलमानों को बड़ा संदेश दिया था। देवबंद में चल रहे जमीयत के जलसे में मुस्लिम धर्म गुरू महमूद मदनी भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा कि नफरत का बाजार सजाने वाले मुल्क के दुश्मन हैं। नफरत का जवाब नफरत नहीं हो सकता है। आग को आग से नहीं बुझाया जा सकता। मदनी ने कहा कि हमारे सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है। मदनी ने मुसलमानों के सब्र की तारीफ की और कहा कि बेइज्जत होकर भी खामोश रह जाना कोई हमसे सीखे। देश में हमें अजनबी बना दिया गया है। 

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