Gyanvapi shringar Gauri Case: ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में आज (29 सितंबर) वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई होगी। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ये सुनवाई हिंदू पक्ष की 4 वादी महिलाओं की उस याचिका पर होगी, जिसमें उन्होंने कार्बन डेटिंग कराने की मांग की है।
क्या होती है कार्बन डेटिंग
कार्बन डेटिंग से एक अनुमानित उम्र का पता चलता है। इससे पुरातात्विक खोज, लकड़ी, हड्डी, चारकोल, बाल, चमड़े और खून के अवशेष की उम्र का पता लगाया जा सकता है। हालांकि यहां ये बात ध्यान रखना जरूरी है कि कार्बन डेटिंग से सटीक उम्र का पता लगाना मुश्किल होता है। जैसे किसी पत्थर में अगर कोई कार्बन पदार्थ मिले, तो उसकी अनुमानित उम्र का पता लगाया जा सकता है।
कार्बन डेटिंग को लेकर महिला वादियों के बीच मतभेद
इस मामले में जो महिला वादी हैं, उनका कार्बन डेटिंग को लेकर आपस में मतभेद भी हो गया था। 5 महिला वादियों में से एक महिला वादी राखी सिंह ने कार्बन डेटिंग का विरोध करते हुए कहा था कि अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब है कि हम शिवलिंग के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। किसी कीमत पर कार्बन डेटिंग नहीं होने दी जाएगी। हालांकि बाकी की 4 महिला वादी कार्बन डेटिंग के पक्ष में थीं।
बता दें कि इस मामले की पैरवी विष्णु जैन के पास में है। अब इस मामले में लड़ाई वकील जितेंद्र सिंह बिशेन और विष्णु जैन के बीच है। दरअसल जितेंद्र सिंह बिशेन का पक्ष ये है कि वो मानते हैं कि ज्ञानवापी परिसर में माता श्रृंगार गौरी की लड़ाई को उन्होंने शुरू किया था, लेकिन इसका सारा क्रेडिट विष्णु जैन और हरिशंकर जैन को जा रहा है।
इससे पहले एक बात और सामने आई थी कि 5 में से 4 महिला वादियों की वकालत विष्णु जैन कर रहे हैं और एक महिला वादी राखी सिंह की वकालत जितेंद्र सिंह बिशेन कर रहे हैं। यहां बता दें कि राखी सिंह जितेंद्र सिंह बिशेन की बहन हैं।
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