Gyanvapi News: उत्तर प्रदेश के बिठूर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक ने ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर जारी विवाद को लेकर एक ट्वीट किया है। बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने अपने ट्वीट में लिखा, "5 गांव नहीं दिए तो पूरा राज्य खोना पड़ा था दुर्योधन को! हमने भी 3 मंदिर मांगे थे!! तुम नहीं माने... अब तैयार रहो सारे मंदिर वापिस लेंगे।" बीजेपी विधायक का यह ट्वीट अयोध्या, मथुरा और काशी से जोड़कर देखा जा रहा है।
"तैयार रहो सारे मंदिर वापिस लेंगे"
बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने ट्वीट में धमकी भरे लहजे में लिखा कि दुर्योधन को 5 गांव नहीं देने पर पूरा राज्य खोना पड़ा था। हमने तीन मंदिर मांगे थे, अब तैयार रहो, सारे मंदिर वापस लेंगे। बताते चलें कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अदालत में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं। इसको लेकर वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे भी करवाया गया है। मस्जिद का सर्वे पूरा कर लिया गया है। सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में आज पेश कर दी गई है, जिसपर कल सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
अलग-अलग धार्मिक स्थलों-इमारतों पर दावे
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में बने प्रमुख धार्मिक स्थलों और इमारतों को लेकर लगातार दावे ठोके जा रहे हैं और कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की गई हैं। इसी क्रम में वाराणरसी की ज्ञानवापी मस्जिद में हिंदू पक्ष के दावों को लेकर सर्वे भी करवाया गया जिसमें मस्जिद के तहखाने में एक बड़ा शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट इसपर सुनवाई करेगा।
वहीं दूसरी ओर मथुरा के जिला जज की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है। हरिशंकर जैन की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि श्रीकृष्ण विराजमान को केस फाइल करने का हक है। अब इस मामले की सुनवाई सिविल जज की अदालत में होगी।
इस बीच ताजमहल को लेकर भी कोर्ट में दावा पेश किया गया था। ताज महल को 'तेजो महालय' बताते हुए इसके तहखाने में बंद 22 कमरे खुलवाने को लेकर याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने बाद में याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के एक पूर्व अफसर ने कुतुब मीनार को लेकर भी बड़ा दावा किया है। अफसर ने कहा कि कुतुब मीनार का निर्माण पांचवीं शताब्दी में सम्राट विक्रमादित्य ने कराया था। उन्होंने बताया कि विक्रमादित्य ने ये मीनार इसलिए बनवाई थी, क्योंकि वे सूर्य की स्थितियों पर अध्ययन करना चाहते थे।
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