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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Gyanvapi Mosque: हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सप्लीमेंट्री एफिडेविट दाखिल, 17 अगस्त को होगी सुनवाई

Gyanvapi Mosque: हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सप्लीमेंट्री एफिडेविट दाखिल, 17 अगस्त को होगी सुनवाई

Gyanvapi Mosque: जस्टिस प्रकाश पाडिया ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले की सुनवाई 17 अगस्त तक के लिए टाल दी।

Gyanvapi Masjid- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Gyanvapi Masjid

Highlights

  • पेटिशनर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद के वकील ने दाखिल किया सप्लीमेंट्री एफिडेविट
  • 17 अगस्त तक के लिए टली सुनवाई
  • वजूखाने में मिला था शिवलिंग जैसा एक स्ट्रक्चर

Gyanvapi Mosque: भगवान विश्वेश्वर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में पेटिशनर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद के वकील पुनीत गुप्ता ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक सप्लीमेंट्री एफिडेविट दाखिल किया। सप्लीमेंट्री एफिडेविट में 26 दिसंबर, 1944 की तिथि की राजपत्रिक सूचना कोर्ट के संज्ञान में लाई गई जिसके जरिए विवादित संपत्ति को आधिकारिक गजट में वक्फ संपत्ति के तौर पर रजिस्टर्ड कराया गया था। 

दोनों पक्ष के वकीलों ने दी अपनी दलीलें

पुनीत गुप्ता ने दलील दिया कि यह अपने आप में स्वीकार करता है कि 15 अगस्त, 1947 को वहां एक मस्जिद मौजूद थी, इसलिए Places of Worship (Special Provisions) Act-1991 की धारा 4 के प्रावधानों को देखते हुए मौजूदा वाद कानून द्वारा अमान्य है। वहीं, दूसरी ओर, प्रतिवादी पक्ष के वकील अजय कुमार सिंह ने दलील दी कि विवादित संपत्ति को समग्र रूप से देखा जाना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए यह निर्धारित करना होगा कि 15 अगस्त, 1947 को उसका धार्मिक चरित्र क्या था जिसके लिए साक्ष्य की जरूरत है। इसलिए कानून की धारा 4 के प्रावधान यहां लागू नहीं होंगे।

17 अगस्त तक के लिए टली सुनवाई

अजय सिंह ने इस पूरक हलफनामे पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए अदालत से 10 दिन का समय मांगा जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। जस्टिस प्रकाश पाडिया ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले की सुनवाई 17 अगस्त तक के लिए टाल दी। गौरतलब है कि वाराणसी की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने वाराणसी की जिला अदालत में 1991 में दायर मूल वाद की Sustainability को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

जानिए क्या है मामला

बता दें कि सर्वे टीम को सर्वे के आखिरी दिन 16 मई को वजूखाने से एक स्ट्रक्चर मिला था जो दिखने में शिवलिंग जैसा था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि ये ज्ञानवापी का शिवलिंग है जो मंदिर में मौजूद था जिसे मस्जिद में छिपा दिया गया। कहानी में तब पेंच फंस गया जब मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग के स्ट्रक्चर को फव्वारा बताया लेकिन अब उसी पर हिंदू पक्ष का दावा है कि वो शिवलिंग है लेकिन उसे फव्वारा बनाया गया है एक बड़ी साजिश के तहत और उसके सबूत भी मौजूद है।

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