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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट पर दोनों पक्षों से जवाब मांगा, 26 मई को होगी अगली सुनवाई

Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट पर दोनों पक्षों से जवाब मांगा, 26 मई को होगी अगली सुनवाई

Gyanvapi Masjid Case : सोमवार को करीब 45 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

Gyanvapi Masjid - India TV Hindi Image Source : PTI Gyanvapi Masjid, Varanasi

Highlights

  • सोमवार को जिला अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
  • किस याचिका पर पहले होगी सुनवाई, अदालत सुनाएगी फैसला
  • 16 मई को ज्ञानवापी के सर्वे का काम हुआ था पूरा

Gyanvapi Masjid Case : ज्ञानवापी (Gyanvapi) मामले में वाराणसी की जिला अदालत (District Court) में आज हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों से सर्वे रिपोर्ट पर जवाब मांगा है, वहीं 26 मई को सबसे पहले maintainability पर सुनवाई होगी। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इससे पहले सोमवार को जिला जज ए. के.विश्वेश की अदालत ने करीब 45 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मुस्लिम पक्ष ने कहा-मामले को खारिज किया जाए

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले शुक्रवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से जिला जज के कोर्ट में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले की संवेदनशीलता और जटिलता को देखते हुए यह बेहतर है कि कोई अनुभवी न्यायिक अधिकारी इस मामले की सुनवाई करे।अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मोहम्मद तौहीद खान ने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने अदालत में याचिका दायर करके कहा है कि यह मुकदमा चलाने लायक नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाए। 

शिवलिंग की नियमित पूजा के लिए याचिका

इसके अलावा ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के नियमित पूजन-अर्चन के लिये अदालत में काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉक्टर कुलपति तिवारी ने सोमवार को याचिका दायर की है। तिवारी ने कहा, ‘‘मैं बाबा विश्वनाथ की तरफ से आया हूं। मैंने आज एक याचिका दाखिल कर अदालत से बाबा के नियमित दर्शन पूजन की मांग की है। मुझे बाबा के राग, भोग, सेवा और भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाय।’’ वहीं, जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र पांडे की ओर से परिसर में स्थित मानव निर्मित तालाब के पानी में से मछलियों को हटाने और वजूखाने की पाइप लाइन को स्थानांतरित करने की मांग को लेकर एक याचिका गत मंगलवार को दाखिल की गई थी, जिस पर अदालत द्वारा सुनवाई होनी है। 

ज्ञानवापी का सर्वे 16 मई को हुआ था पूरा

गौरतलब है कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण का यह काम पिछली 16 मई को पूरा हुआ था, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई थी। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने के अंदर कथित शिवलिंग मिलने का दावा किया था। इसी बीच उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की गई। मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराया जाना उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है। हालांकि, हिंदू पक्ष का दावा है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर के अंदर हिंदू धार्मिक चिह्न तथा अन्य चीजें मिली हैं। 

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