Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ी नई याचिका पर आज सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई। मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की इजाजत मांगने वाली याचिका फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दी गई है। अब 30 मई को सुनवाई होगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले को महेंद्र पांडेय सुनेंगे। आज वाराणसी के सिविल कोर्ट में यह फैसला हुआ। याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुस्लिमों की एंट्री बैन करने और उसे हिंदू पक्ष को सौंपने की मांग की गई है। याचिका को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार ने इस याचिका को स्वीकार किया था।
यह याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह ने भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के नाम से दाखिल की है। किरण सिंह सनातन धर्म के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी हैं । याचिका में तीन मांगे रखी गई हैं।
- ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोका जाए
- ज्ञानवापी का पूरा परिसर हिंदूओं को सौंप दिया जाए
- भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग जो सबके सामने प्रकट हुए हैं उनकी पूजा शुरू करने की इजाजत दी जाए
गौरतलब है कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण का यह काम पिछली 16 मई को पूरा हुआ था, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई थी। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने के अंदर कथित शिवलिंग मिलने का दावा किया था। इसी बीच उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की गई। मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराया जाना उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है। हालांकि, हिंदू पक्ष का दावा है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर के अंदर हिंदू धार्मिक चिह्न तथा अन्य चीजें मिली हैं।
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