Gyanvapi Masjid Case Explainer: यूपी के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद इस समय सुर्खियों में है। दरअसल यहां मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद श्रृंगार गौरी की रोज पूजा-अर्चना की मांग की जा रही है, जिसकी वजह से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। हालही में जब शृंगार गौरी परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी की गई थी तो मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के पास दो स्वास्तिकों के निशान देखे गए थे। लेकिन शनिवार को जब विरोध काफी बढ़ गया तो प्रशासन की ओर से किए जा रहे सर्वे को रोक दिया गया। वीडियोग्राफर्स का कहना था कि ये बात संभव है कि ये स्वास्तिक प्राचीन काल में बनाए गए हों।
दरअसल वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के बाहर के इलाकों की वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण जारी रखने का आदेश दिया था। ऐसे में जब कोर्ट द्वारा नियुक्त एक अधिकारी और वकीलों की टीम शुक्रवार को इलाके के पास निरीक्षण के लिए पहुंची थी तो यहां भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। हालांकि जब शनिवार को वकीलों और वीडियोग्राफरों की टीम यहां पहुंची तो 100 से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिद को घेर लिया, जिसकी वजह से सर्वे नहीं किया जा सका।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर ताजा विवाद क्या है?
ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) का ताजा विवाद, पुराने विवाद से कुछ अलग है। ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ है। ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी, जब 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दरअसल पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए।
जब ये अपील कोर्ट के सामने आई तो उसने मस्जिद परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए और 10 मई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा। सर्वे के दूसरे दिन यानी शनिवार को सर्वे टीम के मस्जिद में घुसने को लेकर भी काफी हंगामा हुआ और टीम मस्जिद के अंदर दाखिल नहीं हो पाई। इसी मामले में आज यानी 9 मई को सुनवाई भी है।
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर साल 1991 का विवाद क्या है?
साल 1991 का विवाद ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के अस्तित्व पर सवाल खड़े करता है। दरअसल 1991 में कोर्ट में एक केस दर्ज हुआ था, जिसमें ये दावा किया गया था कि जिस जगह पर ज्ञानवापी मस्जिद बनी है, वो काशी विश्वनाथ की जमीन है और इस जगह पर छोटे-छोटे मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है।
इस मामले में हिंदू पक्ष ने ये अपील की थी कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जांच करवाई जाए। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 सितंबर 2021 को इस केस में ASI के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी।
हालांकि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, उसको लेकर एक और मामला कोर्ट में है। वाराणसी के व्यास परिवार का दावा है कि इस जमीन पर उनका मालिकाना हक है और बीते 150 सालों से उनका परिवार इस जमीन पर मालिकाना हक की लड़ाई कोर्ट में लड़ रहा है।
Latest Uttar Pradesh News