Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में आज यानी सोमवार को महतवपूर्ण फैसला आएगा। आज ये तय हो जाएगा कि ज्ञानवापी केस सुनवाई के लायक है या नहीं। इसको लेकर वाराणसी जिला जज के द्वारा 7/11 पर फैसला किया जाएगा। बता दें कि 7/11 मतलब वादी महिलाओं के द्वारा जो याचिका दायर की गई है वो सुनने लायक है या नहीं। इस मामले से सभी पक्षों की दलील पूरी हो गयी है। अब इस केस पर आज 2 बजे सुनवाई होनी है। माना जा रहा है कि 5 बजे से पहले फैसला आ जाएगा।
फैसले को लेकर हिन्दू पक्ष की है तैयारी
वादी महिलाओं के द्वारा याचिका लगाई गई थी कि श्रृंगार गौरी मंदिर में 1991 से पहले की तरह हर दिन पूजा अर्चना का अधिकार मिले। अगर फैसला वादी महिलाओं के पक्ष में आता है तो बनारस में सभी हिंदुओं द्वारा रात 8 बजे से 8.15 तक अपने घरों के छत पर आकर शंख, घंटी और थाली बजाई जाएगी। इसकी जानकारी भी सभी को दे दी गयी है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि अगर फैसला हमारे पक्ष में आता है तो ये आदि विश्वेश्वर को मुक्त कराने की दिशा में पहला कदम होगा।
वाराणसी में अलर्ट पर प्रशासन
ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर वाराणसी की अदालत सोमवार को अपना फैसला सुनाएगी। इसके मद्देनजर नगर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए.सतीश गणेश ने रविवार को बताया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला अदालत द्वारा सोमवार को फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर एहतियाती कदम के तहत वाराणसी कमिश्नरेट में धारा 144 लागू करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। सभी पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के धर्म गुरुओं के साथ संवाद करने का निर्देश दिया गया है।
समझिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला जज ए.के.विश्वेश की अदालत में चल रहा मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर हिन्दू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गयी है। अदालत ने इस मामले में आदेश को सुरक्षित रख लिया है। अदालत सोमवार 12 सितंबर को इस पर आदेश सुनाएगी। दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की निवासी चार महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी देवताओं की प्रतिदिन पूजा अर्चना का आदेश देने के आग्रह वाली एक याचिका पिछले साल सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल की थी। उसके आदेश पर पिछली मई में ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था।
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