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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में हाई कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक को आगे बढ़ाया, 18 अक्टूबर को होगी सुनवाई

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में हाई कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक को आगे बढ़ाया, 18 अक्टूबर को होगी सुनवाई

Gyanvapi Case: इससे पहले 12 सितंबर को न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने भी एएसआई के महानिदेशक को 10 दिनों के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

Gyanvapi Case- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Gyanvapi Case

Highlights

  • अदालत के आदेश पर लगी रोक को 31 अक्टूबर तक के बढ़ाई गई
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को तय की गई

Gyanvapi Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वेक्षण कराने संबंधी वाराणसी की एक अदालत के आदेश पर लगी रोक 31 अक्टूबर तक के लिए बुधवार को बढ़ा दी। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर तय की। 

याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद (वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति) और अन्य ने वाराणसी की जिला अदालत में 1991 में दायर मूल वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। मूल वाद में उस जगह पर जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद खड़ी है, प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर बहाल करने की मांग की गई है। 

मूल वाद में दावा, अमुक मस्जिद उस मंदिर का हिस्सा है

याचिकाकर्ताओं ने मूल वाद में दावा किया है कि अमुक मस्जिद उस मंदिर का हिस्सा है। गौरतलब है है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 09 सितंबर, 2021 को वाराणसी की अदालत के आठ अप्रैल, 2021 के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें एएसआई को काशी विश्वनाथ मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का भौतिक सर्वेक्षण करने का निर्देश जारी किया गया था। 

इससे पहले 12 सितंबर को न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने भी एएसआई के महानिदेशक को 10 दिनों के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था, क्योंकि एएसआई की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामा बहुत अस्पष्ट था और यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है। हाई कोर्ट के 12 सितंबर के आदेश के अनुपालन में एएसआई (वाराणसी) के अधीक्षण पुरातत्वविद अबिनाश मोहंती ने एक प्रार्थना पत्र देकर महानिदेशक की पेशी के लिए कुछ समय मांगा। 

'महानिदेशक अस्वस्थ, हलफनामा दाखिल करने की स्थिति में नहीं'

मोहंती ने कहा कि महानिदेशक अस्वस्थ हैं और वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने की स्थिति में नहीं हैं। हालांकि, हाई कोर्ट ने कहा, "चूंकि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है और वाद 1991 से निचली अदालत में लंबित है, इसलिए यह अदालत उम्मीद और विश्वास करती है कि एएसआई के महानिदेशक सुनवाई की अगली तारीख पर या इससे पहले 12 सितंबर, 2022 के आदेश का अनुपालन करेंगे।"

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