गाजियाबाद में पीएचडी कर रहे छात्र की उसी के मकान मालिक ने रुपए के लालच में हत्या कर दी थी। इसमें पुलिस ने मकान मालिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। कहानी के मुताबिक अंकित के अकाउंट में 1.5 करोड़ रुपए थे। जिसमें से उसके मकान मालिक ने उधार के तौर पर 60 लाख बिजनेस करने के लिए उससे पहले ही ले लिए थे। पैसे वापस ना करने पड़े इसलिए उसने अंकित की हत्या कर दी और शव को कई टुकड़ों में काटकर अलग अलग जगह फेंक दिया। बाद में 2 महीने तक वह अपने किराएदार अंकित का फोन चलाता रहा। ताकि लोगों को शक ना हो कि अंकित गायब हो गया है और उसके अकाउंट से 40 लाख और उसने नेट बैंकिंग के जरिए अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए।
फिल्म देखकर की मर्डर की प्लानिंग
आरोपी उमेश ने पुलिस को बताया कि उसने हिंदी सिनेमा की एक फिल्म देखी थी। जिसमें शव न मिले तो हत्या की पुष्टि नहीं होती है। इस पिक्चर को देखने के बाद उमेश को यह आइडिया आ चुका था कि अगर अंकित की हत्या करके उसके शव को ठिकाने लगा दिया तो उसके हत्या की गुत्थी कभी नहीं सुलझ सकेगी। उमेश ने अंकित की हत्या की तारीख पहले से ही तय कर रखी थी। 6 अक्टूबर को उसने अपने साजिश को अंजाम दिया और पहले अंकित का गला दबाया अंकित थोड़ी देर तक तड़पा है, फिर उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद उमेश आरी लेकर आया और उसके शव के चार टुकड़े किए। 6 अक्टूबर को ही उमेश अपने दोस्त की कार लेकर निकल गया। पहले खतौली पहुंचा वहां गंग नहर में एक टुकड़ा फेंक दिया। वहां से मेरठ दिल्ली एक्सप्रेसवे से होता हुआ मसूरी पहुंचा यहां दो टुकड़े गंग नहर में फेंक के चौथा टुकड़ा ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंका। इसके बाद वह मोदीनगर अपने घर चला आया।
दोस्तों ने पुलिस में दर्ज कराई थी रिपोर्ट
इस पूरी साजिश से पर्दा तब उठा जब पुलिस को पता चला कि अंकित के खाते में एक करोड़ थे। पुलिस को यह जानकारी दोस्तों ने दी। पुलिस ने इसकी डिटेल निकलवाई तो पता चला एक करोड़ में से 60 लाख से ज्यादा निकल निकाले जा चुके हैं उनमें से 40 लाख 6 अक्टूबर से पहले और 21 लाख से ज्यादा इसके बाद निकाले गए। इनमें से 60 लाख उमेश के खाते में गए थे। इसी से पुलिस को यकीन हो गया कि उसने हत्या की।
Latest Uttar Pradesh News