यूपी के मदरसों में जारी रहेगी शुक्रवार की छुट्टी, रविवार अवकाश को लेकर फैसला टला
इससे पहले बुधवार को एक बैठक में शुक्रवार की जगह रविवार को मदरसों में छुट्टी कराए जाने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड को सौंपा गया था।
राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी वर्ष 2023 के अवकाश कैलेंडर के अनुसार उत्तर प्रदेश के मदरसों में साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को भी रहेगा। साप्ताहिक अवकाश को शुक्रवार से रविवार करने के सुझाव पर जनवरी में किसी समय चर्चा होने की संभावना है। तब तक साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को रहेगा। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने छुट्टियों का कैलेंडर जारी करने के बाद कहा कि मदरसों में साप्ताहिक अवकाश शुक्रवार को जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है जबकि शैक्षणिक कैलेंडर की घोषणा मार्च 2023 में की जाएगी। उन्होंने कहा कि 2023 में मदरसों में 75 छुट्टियां होंगी, जिनमें रमजान के 36 दिन और ईद-उल-फितर शामिल हैं।
रविवार को छुट्टी कराने का मिला था प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मान्यता प्रशासन एवं सेवा नियमन-2016 में संशोधन पर चर्चा के लिए पिछले सप्ताह मदरसा बोर्ड द्वारा बुलाई गई बैठक में मदरसों के साप्ताहिक अवकाश को शुक्रवार की बजाय रविवार करने समेत कई सुझाव आए थे। हालांकि कई प्रतिनिधियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। जावेद के मुताबिक, बैठक में मदरसों में शुक्रवार के बजाय रविवार को साप्ताहिक छुट्टी किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। बहुत दिनों से मदरसों से जुड़े लोगों की ओर से ऐसी मांग भी की जा रही थी। हालांकि, बैठक में कई मदरसों के प्रतिनिधियों ने इस प्रस्ताव का विरोध भी किया।
समाज में जाएगा गलत संदेश- दीवान साहब जमां
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि संभवतः पूरे देश के मदरसों में शुक्रवार को ही साप्ताहिक अवकाश होता है। शुक्रवार को ही जुमे की नमाज पढ़ी जाती है, जिसका इस्लाम में विशेष महत्व है। जुमे की तैयारियों के मद्देनजर ही मदरसों में शुक्रवार को छुट्टी दी जाती है। टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया उत्तर प्रदेश के महासचिव दीवान साहब जमां ने कहा, “शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं, इसी वजह से हमेशा से मदरसों में शुक्रवार को ही छुट्टी दी जाती रही है। अगर इस व्यवस्था को बदला जाएगा तो इसका गलत संदेश जाएगा।” उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में इक्का-दुक्का लोगों ने ही शुक्रवार के बजाय रविवार को साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था करने की वकालत की थी और बाकी सभी लोगों ने इसका विरोध किया था।
इनपुट-एजेंसी