लखीमपुर खीरी में नकली खाद बनाने वाली फैक्टरी का भंडाफोड़
उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिले के राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया में सूक्ष्म पोषक तत्व बनाने वाली एक प्राइवेट फैक्ट्री को लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली केमिकल खाद बनाते हुए पाया गया है।
उत्तर प्रदेश में लखीमपुर जिले के राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया में सूक्ष्म पोषक तत्व बनाने वाली एक प्राइवेट फैक्ट्री को लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली केमिकल खाद बनाते हुए पाया गया है। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह के आदेश पर राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया में सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस प्राप्त निजी फैक्ट्री ‘गोविन्द इन्डस्ट्रीज’ पर छापेमारी की गई। अधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री के मालिक लाइसेंस का उल्लंघन कर नकली रासायनिक उर्वरकों का निर्माण करते पाए गए।
सूक्ष्म पोषक तत्वों को बनाने का था लाइसेंस
जिले के राजापुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित गोविंद इंडस्ट्रीज के परिसरों में छापेमारी करने वाली टीम में एसडीएम(SDM) लखीमपुर श्रृद्धा सिंह, पुलिस उपाधीक्षक संदीप सिंह और जिला कृषि अधिकारी (DAO) अरविंद कुमार चौधरी शामिल थे, जिन्होंने पैकिंग और सिलाई मशीन, कृभको, इफको, पारस आदि के ब्रांड नाम वाले ताजा खाली बोरे बरामद किए। जिला कृषि अधिकारी (DAO) अरविंद कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘गोविंद इंडस्ट्रीज को केवल सूक्ष्म पोषक तत्वों के निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया था, न कि रासायनिक उर्वरकों को बेचने के लिए।’’ चौधरी ने कहा, ‘‘इसके गोदाम से रासायनिक खाद की बरामदगी लाइसेंस के शर्तों का उल्लंघन है और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।’’
कई लोग हिरासत में लिए गए
कृषि अधिकारी ने बताया कि खाद की अनलोडिंग और पैकिंग में लगे कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। हालांकि, फैक्ट्री के मालिक ऋतिक गुप्ता को पकड़ा नहीं जा सका है। प्रतिष्ठित कंपनियों, पैकिंग सामग्री, रैपर और सिलाई मशीनों के नाम वाले खाली बैग की बरामदगी से संकेत मिलता है कि लाइसेंसधारक नकली केमिकल खाद को बनाने और उन्हें प्रतिष्ठित कंपनियों के ब्रांड नाम के तहत बेचने में लगा हुआ था।
गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि फैक्ट्री उर्वरक नियंत्रण आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन कर रही है और मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। डीएम ने कहा कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम, डीएसपी और जिला कृषि अधिकारी को फैक्ट्री के औचक इंस्पेक्शन के लिए भेजा गया था। डीएम ने कहा कि फैक्ट्री के दरवाजे पर एक नोटिस चिपकाया गया था जिसमें 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक फैक्ट्री बंद करने की सूचना दी गई थी।
डीएम ने कहा, ‘‘हालांकि, जब छापेमारी करने वाली टीम परिसर में दाखिल हुई, तो कई लोग डीएपी और पोटाश उर्वरकों की पैकिंग में लगे हुए पाए गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों ने वहां भारी मात्रा में डीएपी, एनपीके, यूरिया, सिंगल सुपर फॉस्फेट, विभिन्न प्रतिष्ठित ब्रांडों के बोरो के अलावा रेत, नमक आदि बरामद किया।’’