गाजियाबाद: मुसलमानों के एक संगठन ने काजियों से अपील की है कि अगर किसी मुसलमान की शादी में डीजे या बैंड-बाजे बजें तो वहां निकाह न पढ़वाएं। मुस्लिम महासभा नाम के इस संगठन ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी गुजारिश है कि वे लोगों को सादगी से शादी करने के लिए प्रेरित करें। संगठन का कहना है कि शादियों में बैंड-बाजा और डीजे फिजूलखर्ची है और मुस्लिम समाज को इन सब चीजों से परहेज करना चाहिए।
‘निकाह से पहले ही जानकारी ले लें काजी’
मुस्लिम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार को एक लिखित बयान जारी कर काजियों से अपील की कि वे ऐसी शादियों में निकाह न पढ़ाएं जहां डीजे बज रहा हो। उन्होंने कहा कि काजी ऐसी शादियों में भी निकाह पढ़वाने से परहेज करें जहां बैंड-बाजे के साथ बारात निकाली जा रही हो। इमरान खान ने अपने बयान में कहा कि निकाह से पहले काजी यह जरूर पक्का कर लें कि दूल्हा या दुल्हन, किसी भी पक्ष द्वारा डीजे और बैंड-बाजा न बजाया जाए।
‘मुस्लिम परिवारों से लिखित गारंटी ली जाए’
खान ने कहा कि साथ ही दूल्हा-दुल्हन दोनों के ही परिवारों से इस बात की लिखित गारंटी ली जाए कि वे भविष्य में डीजे संस्कृति को बढ़ावा नहीं देंगे और अपने रिश्तेदारों को भी गाजे-बाजे और दिखावे से रोकेंगे। उन्होंने इस काम में उलमा और अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी सहयोग मांगते हुए उनसे गुजारिश की है कि वे मुस्लिम समाज को डीजे और बैंड-बाजे से दूर रहकर सादगी से शादी करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महासभा शादियों में फिजूलखर्ची का विरोध जारी रखेगी।
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