नयी दिल्ली: सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना में 40 मंजिला जुड़वा इमारतों को गिराने का कार्य शुरू हो गया है और इसे 22 मई तक पूरी तरह गिरा दिया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को यह बताया। इन इमारतों का निर्माण नियमों का उल्लंघन कर किया गया था, जिस कारण न्यायालय ने इन्हें अवैध करार दिया था।
प्राधिकरण ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि इन इमारतों को ध्वस्त करने के बाद पूरा मलबा 22 अगस्त तक वहां से हटा लिया जाएगा। न्याययमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने नोएडा (न्यू ओखला इंडिस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी) और सुपरटेक सहित सभी हितधारकों को स्थिति रिपोर्ट में दी गई समय सीमा का सख्ती से अनुपालन करने को कहा। पीठ ने विषय की अगली सुनवाई 17 मई के लिए निर्धारित कर दी।
पीठ ने कहा कि सात फरवरी 2022 के आदेश के अनुपालन में प्राधिकरण ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है और आदेश के बाद नौ फरवरी 2022 को हितधारकों की एक बैठक की गई थी। न्यायालय ने कहा, ‘‘न्यायालय को इस बात से अवगत कराया गया है कि (उक्त इमारतों को) गिराने का कार्य शुरू कर दिया गया है।’’
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण से अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट की मांग करते हुए मामले को 17 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को दो सप्ताह के भीतर नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों को ध्वस्त करने का काम शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था।
जानिए क्या था मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने चार अक्टूबर 2021 को सुपरटेक लिमिटेड की याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण इमारतों को ध्वस्त करने के अपने पूर्व के निर्देश में संशोधन करने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2021 के अपने फैसले में अवैध इमारतों को तोड़ने के साथ ही फ्लैट खरीदारों को उनकी पूरी रकम लौटाने करने का भी निर्देश दिया था। कोर्ट ने नोएडा के टी-16 (एपेक्स) और टी-17 (सेयेन) ट्विन टावर्स के निर्माण में नोएडा प्राधिकरण और रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के अधिकारियों की "नापाक मिलीभगत" के लिए उन पर मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया था।
Latest Uttar Pradesh News