बागपत: उत्तराखंड के जोशीमठ में इमारतों में दरारें आने के बाद अब बागपत के कई घरों में भी दरारें आनी शुरू हो गई हैं। स्थानीय निवासियों में इसको लेकर दहशत का माहौल है। बागपत के ठाकुरद्वारा क्षेत्र में जोशीमठ जैसे हालात बन रहे हैं। यहां 25 घरों में दरारें आई हैं, साथ ही रिसाव की भी खबर है। बागपत नगर निगम के अधिशासी अधिकारी राजेश राणा ने कहा, 'हम अपनी टीम भेजेंगे और जांच की जाएगी कि ऐसा क्यों हुआ।'
क्या गैस पाइपलाइन है दरार आने की वजह?
स्थानीय लोगों के अनुसार बागपत नगर पालिका ने करीब 10 साल पहले यहां जमीन में पेयजल पाइपलाइन बिछाई थी, जो अब लीक हो रही है, जिससे घरों में दरारें आ रही हैं। लोगों का आरोप है कि गैस पाइपलाइन भी मकानों में दरार आने की वजह हो सकती है क्योंकि पिछले दिनों गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए जमीन खोदी गई थी।
स्थानीय निवासी राजीव गुप्ता ने कहा, 3-4 दिन हो गए हैं। हमने विभाग को इसके बारे में सूचित किया है, लेकिन अभी तक कोई सहायता प्रदान नहीं की गई है। उन्होंने बताया, बुधवार की दोपहर जैसे ही उनके मकान का फर्श जमीन में दरका और लेंटर ने अपना स्थान छोड़ा तो उनकी और परिजनों की सांसें पूरी तरह अटक गई थी। उन्होंने तुरंत वहां से अपना सारा सामान समेटा और मकान को खाली कर दिया।
जोशीमठ पर संकट के बादल
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में उत्तराखंड के जोशीमठ में सैकड़ों घरों में दरारें पड़नी शुरू हो गई थीं। कई परिवारों को निकाला गया है। कई लोगों को अस्थायी राहत केंद्रों या किराए के आवास में जाने का निर्देश दिया गया। क्षेत्र में 86 घर असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिन्हित हैं। जोशीमठ जिला प्रशासन ने डूबते शहर में रहने के लिए असुरक्षित घरों पर रेड क्रॉस के निशान लगा दिए हैं।
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