लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश के 18वीं विधानसभा चुनाव में मिले पूर्ण बहुमत का श्रेय तमाम लोगों के खाते में जाता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण नाम शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का भी है। स्वतंत्र देव की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश की जनता ने किसी पार्टी को करीब 4 दशक (37 साल) बाद में राज्य में लगातार दूसरी बार जनादेश दिया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में 1985 में जनता ने कांग्रेस को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मौका दिया था।
माता-पिता ने नाम रखा था कांग्रेस सिंह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में बतौर मंत्री शुक्रवार को शपथ लेने वाले स्वतंत्र देव सिंह ने लंबा संघर्ष किया है और आज का यह समारोह कांग्रेस सिंह के स्वतंत्र देव सिंह बनने तक की संघर्षपूर्ण कहानी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। स्वतंत्र देव सिंह का नाम माता-पिता ने कांग्रेस सिंह रखा था लेकिन बीजेपी की राजनीति से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया। कांग्रेस सिंह से स्वतंत्र देव सिंह तक के सफर में उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे। मिर्जापुर जिले के एक गांव में 13 फरवरी, 1964 को जन्मे स्वतंत्र देव ने बुंदेलखंड को अपनी राजनीतिक जमीन बनाया।
बड़े भाई की देखरेख में हुआ पठन-पाठन
मूल रूप से अति पिछड़ी कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले स्वतंत्र देव का पठन-पाठन जालौन में पुलिस सेवा में रहे बड़े भाई की देखरेख में हुआ। स्वतंत्र देव 16 जुलाई, 2019 से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। इसके पहले वह बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष, दो बार प्रदेश महामंत्री, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष समेत विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। विधायक निर्वाचित होने से पहले सिंह विधान परिषद के सदस्य (MLC) थे, वह पहले भी उच्च सदन के सदस्य रह चुके हैं। 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गठित पिछली बीजेपी सरकार में स्वतंत्र देव को परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था।
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