CM Yogi on Free Smartphone-Tablets: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य के प्रत्येक युवा को मुफ्त स्मार्टफोन और टैबलेट देकर 'स्मार्ट' बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ‘डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय’ के 886 छात्रों को मुफ्त स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण समारोह के दौरान ये बात कही। उन्होंने विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग के नये भवन की आधारशिला भी रखी।
क्या बोले सीएम योगी?
सीएम योगी ने कहा, ‘‘हमें समय के अनुसार चलना होगा और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना होगा। कोविड-19 महामारी के दौरान शिक्षा सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक थी, जब सामान्य कक्षाएं, परीक्षाएं और प्रैक्टिकल सब रोक दिए गए थे। उसी समय मैंने एक करोड़ विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट देने का फैसला लिया था ताकि उनकी पहुंच अपनी ऑनलाइन कक्षाओं तक बनी रहे और वे इसका उपयोग परीक्षा की तैयारियों में भी करें।’’
प्रसिद्ध कवि सूरदास, जोकि दृष्टिहीन थे, का उदाहरण देते हुए योगी ने कहा कि किसी को उसके रूप से नहीं बल्कि गुण से आंकना चाहिए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ लेने के बाद योगी पहली बार विद्यार्थियों को स्मार्टफोन/टैबलेट बांट रहे थे। उन्होंने 25 दिसंबर, 2021 को लखनऊ में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम से टैबलेट बांटने की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री ने राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल पहले राज्य में दंगा और उपद्रव होता था, लेकिन आज उसके लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला दूसरा राज्य बन गया है और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
टैबलेट वितरण में देरी क्यों?
टैबलेट वितरण में हुई देर को लेकर योगी ने कहा कि निर्माण में देर हुई है क्योंकि चीन में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन है और रूस-यूक्रेन युद्ध चल रहा है। योगी ने कहा, "इस वजह से इन उपकरणों में आवश्यक चिप का निर्माण नहीं हो रहा है। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम सभी छात्रों को टैबलेट/फोल देंगे।"
जनशक्ति को बताया संपत्ति-
राज्य की जनशक्ति (आबादी) को उसकी सबसे बड़ी संपत्ति बताते हुए योगी ने कहा, ‘‘मैं राज्य की 25 करोड़ आबादी को संपत्ति मानता हूं। लोगों ने मुझसे कोविड के दौरान सवाल किया था कि मैं घर लौट रहे एक करोड़ प्रवासी श्रमिकों का प्रबंधन कैसे करूंगा, लेकिन मैंने हमेशा कहा कि हमारे पास 25 करोड़ लोगों की ताकत है। हम एक करोड़ लोगों को आसानी से समायोजित कर सकते हैं।’’ योगी ने कहा कि राज्य ने प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग कर उन्हें यहां रोजगार देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, "जिन राज्यों ने प्रवासी कामगारों को छोड़ दिया, वहां औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और ठप पड़ी हैं। लेकिन हमारे पास कुशल जनशक्ति की कमी नहीं है।"
मुख्यमंत्री ने विकलांग लोगों के लिए 'दिव्यांग' शब्द देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की पेंशन राशि को उनकी सरकार ने 300 से बढ़ाकर 500 रुपये और पिछले साल दिसंबर से इसे 1,000 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगों के कल्याण हेतु राज्य के बजट में पहले 670 करोड़ रुपये का प्रावधान था जिसे बढ़ाकर 1,150 करोड़ कर दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में पहले 8.75 लाख दिव्यांगों को पेंशन मिलता था, लेकिन अब 11.26 लाख ऐसे लोगों को इसका लाभ मिलता है।’’
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