यूपी के सभी जिले में गठित होगी सिविल डिफेंस की इकाई, योगी ने अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
योगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 27 जिलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयां गठित हैं और सिविल डिफेंस के महत्व और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इसका सभी 75 जिलों में विस्तार किया जाना आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) की इकाइयों के विस्तार का निर्देश देते हुए अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। सरकारी बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी नगरीय निकायों को आधार मानकर नागरिक सुरक्षा इकाइयों के पुनर्गठन पर जोर दिया।
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा विभाग और कारागार विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए भविष्य के मद्देनजर बेहतरी के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समाज में शांति, सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में नागरिक सुरक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
'27 जिलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयां गठित हैं'
योगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 27 जिलों में नागरिक सुरक्षा इकाइयां गठित हैं और सिविल डिफेंस के महत्व और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए इसका सभी 75 जिलों में विस्तार किया जाना आवश्यक है। योगी ने कहा कि राज्य के सभी नगरीय निकायों को आधार मानकर नागरिक सुरक्षा इकाइयों का पुनर्गठन किया जाए। इस प्रकार राज्य में साढ़े सात सौ से अधिक नागरिक सुरक्षा इकाइयां क्रियाशील हो सकेंगी। गृह विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई यथाशीघ्र पूरी की जाए।
'बंद कैदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए'
जेल सुधारों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा। ओपेन जेल और हाई सिक्योरिटी जेल इस संबंध में उपयोगी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त कारागारों में 14 वर्ष की अवधि से अधिक समय से बंद कैदियों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराई जाए। सूची में बीमार, नाबालिग और महिला और दिव्यांग कैदियों का अलग से डिटेल भी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आग लगने की घटना में अग्निशमन विभाग की उपयोगिता को सभी अनुभव करते हैं। अग्निशमन विभाग के कर्मियों का सेवाभाव प्रेरक है। भविष्य की जरुरतों को देखते हुए अग्निशमन विभाग को आपदा प्रबंधन एवं आपात सेवा के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार के मॉडल बिल ऑन मेंटेनेंस ऑफ फायर एंड इमरजेंसी सर्विस, 2019 की तर्ज पर राज्य का मॉडल फ़ायर एंड इमरजेंसी बिल तैयार किया जाए। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक देवेंद्र सिंह चौहान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।