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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर आरोप तय, बीजेपी-RSS को लेकर था केस, ये है पूरा मामला

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर आरोप तय, बीजेपी-RSS को लेकर था केस, ये है पूरा मामला

आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करने के लिये अपने आधिकारिक लेटरहेड और मुहर का दुरुपयोग किया है।

 Azam Khan - India TV Hindi Image Source : PTI Azam Khan

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  • समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर आरोप तय
  • बीजेपी-RSS को लेकर था केस
  • ये है पूरा मामला

समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान के खिलाफ अपने आधिकारिक लेटरहेड और मुहर के कथित दुरुपयोग के मामले में बुधवार को विशेष एमपी/एमएलए अदालत में आरोप तय किये गये। अदालत ने आजम खान के खिलाफ अभियोजन पक्ष के साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिये चार नवंबर की तारीख तय की है। इसके पूर्व, विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए. के. श्रीवास्तव ने आजम खान को आरोप पढ़कर सुनाये।

ये है पूरा मामला

आजम खान ने खुद पर लगे तमाम आरोपों से इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया। अदालत ने बीते 29 सितंबर को खान द्वारा खुद को क्लीन चिट देने के आदेश देने के आग्रह वाली याचिका को निरस्त कर दिया था। इस मामले में एक फरवरी 2019 को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अल्लामा जमीर नकवी नामक व्यक्ति ने इस मुकदमे में आरोप लगाया था कि आजम खां ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करने के लिये अपने आधिकारिक लेटरहेड और मुहर का दुरुपयोग किया है। नकवी ने यह भी कहा था कि तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के दबाव की वजह से उस वक्त यह मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था, जिसे बाद में एक फरवरी 2019 को पंजीकृत कराया गया।

दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं आजम

बता दें कि बीते कुछ समय से आजम खान की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। वह कई बार हॉस्पिटल में एडमिट किए गए। अगस्त में भी आजम खान की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय उन्हें सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया की शिकायत को देखते हुए आईसीयू (ICU) में शिफ्ट किया गया था। हाल ही में जब वह मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन करने पहुंचे थे, तब भी उनकी हालत सही नहीं लग रही थी। उन्हें अखिलेश यादव को सहारा देना पड़ा था, क्योंकि वह सही से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।

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