गाजियाबाद में 22 पैरेंट्स पर केस दर्ज, नाबालिग चलाएगा गाड़ी तो बढ़ेगी आपकी मुसीबत, जानिए नियम
अगर आपका नाबालिग बच्चा किसी भी तरह की गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है तो आपकी मुसीबत बढ़ सकती है। गाजियाबाद में 22 पैरेंट्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
Traffic Rules: अगर 18 साल से कम उम्र का आपका बच्चा भी सार्वजनिक स्थान पर किसी तरह की गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो कार्रवाई आप पर हो सकती है।इस खबर से आप जान लीजिए कि गाजियाबाद में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 नाबालिग बच्चों के माता-पिता के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने ये कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि गाजियाबाद में नाबालिगों द्वारा सड़क पर गाड़ी चलाने के कारण कई एक्सीडेंट की घटनाएं सामने आई हैं। इसके बाद पुलिस ने उन नाबालिगों के माता-पिता पर एक्शन लिया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले 17 साल के आशीष चौधरी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी और उसके साथ उसकी गाड़ी में बैठे उसके दोस्त का भी पैर टूट गया था। इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने एक स्पेशल ड्राइव शुरू की थी, जिसमें लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है और साथ ही ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ भी एक्शन लिया जा रहा है।
गाजियाबाद के ADC ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने इस बारे में बताया है कि सेक्शन 336 के तहत 22 नाबालिगों के माता-पिता के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. Motor Vehicles Act के तहत कार्रवाई की गई है।
जान लीजिए क्या हैं ट्रैफिक के नियम
- यदि आपका बच्चा 18 साल से कम आयु का है तो वह किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मोटर वाहन नहीं चला सकता है।
- 16 साल से अधिक की उम्र में ही कोई लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही 50cc से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिल चला सकता है।
- बिना किसी लर्नर लाइसेंस के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर आपको मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199A के तहत दंडित किया जाएगा।
- इन नियमों को तोड़ने पर नाबालिग बच्चे की जगह माता-पिता को भारी भरकम चालान भरना पड़ सकता है।
- अभिभावक को अधिकतम दंड के रूप में तीन साल की कैद और पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।
नाबालिग पर ध्यान दें माता-पिता
माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वे अपने बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखें। यदि नाबालिग अपने माता-पिता को लूप में रखते हुए मोटरबाइक चला रहे हैं या उनके माता-पिता को इसके बारे में सूचित किया जाता है, तो भी किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में माता-पिता को दंडित किया जा सकता है।
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