Vegetable Price Hike: सब्जियों ने आम आदमी का दम निकाल दिया है। त्योहारों का सीजन शुरू होते ही जनता की परेशानियां भी बढ़ने लगती हैं। लोगों का बजट बिगड़ने लगता है। त्योहारी सीजन में चाहे फल हो या सब्जियां सबके दाम आसमान पर होते हैं और कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली-NCR में भी है।
दिल्ली से सटे नोएडा की बात करें, तो यहां पर सब्जी और फलों के रेट में सफल स्टोर और फुटकर रेहड़ी विक्रेता की सब्जी के रेट में जमीन आसमान का अंतर देखने को मिल रहा है। साथ ही साथ सब्जी विक्रेता यह भी बताते हैं कि उनको पहले से ही सब्जी महंगी मिल रही है और रही सही कसर बीते दिनों हुई लगातार बारिश ने पूरी कर दी है।
खेतों में पड़ी हुई सब्जियां सड़ गईं, जो मंडी तक और आम जनता तक नहीं पहुंच पाईं, इसलिए उनकी कीमत और बढ़ गई हैं। दिल्ली-एनसीआर में बने सफल स्टोर्स की अगर बात करें, तो यहां पर रेट को पूरी तरीके से कंट्रोल में रखा जाता है। फिर भी यहां पर सब्जियों और फलों के दाम आसमान छूते दिखाई दे रहे हैं, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बाहर रेहड़ी-पटरी पर मिल रही सब्जियां कितनी महंगी होंगी।
सफल स्टोर के रेट -
आलू - 20 रुपये/किलो
गोभी - 98 रुपये/किलो
बैंगन - 75 रुपये/किलो
टमाटर - 56 रुपये/किलो
मटर - 200 रुपये किलो
फुटकर विक्रेताओं के रेट
आलू - 25 से 30 रुपये/किलो
गोभी - 100 रुपये/किलो
बैंगन - 80 रुपये/किलो
टमाटर - 50 रुपये/किलो
मटर - 300 रुपये/किलो
फुटकर विक्रेता सब्जी के बढ़े दामों के लिए खराब मौसम को जिम्मेदार मानते हैं। इन सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक, लगातार हुई बारिश के चलते खेत में पड़ी सब्जियां सड़ गईं, जो आम जनता तक नहीं पहुंच पाईं, उन्हीं की शॉर्टेज के चलते मार्केट का यह हाल हुआ है। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि साहिबाबाद में सबसे ज्यादा सब्जियों की खेती होती है और उसी से दिल्ली-एनसीआर में ज्यादातर सब्जियां सप्लाई की जाती हैं। सब्जियों के लगातार बढ़ते दाम से आम जनता परेशान है।
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