लखनऊ: अयोध्या में राम भक्तों के लिए आज का दिन बेहद खास है। दरअसल भगवान राम की प्रतिमा के लिए शालिग्राम की जो शिलाएं नेपाल से अयोध्या पहुंची हैं, उन्हें आज विधि विधान से पूजा के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया। इस मौके पर पूरी अयोध्या भक्ति भाव में डूबी नजर आई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिलाओं के दर्शन के लिए रामसेवक पुरम पहुंचे। किसी ने शिलाओं के सामने शीश झुकाया तो कोई भक्ति भाव में लीन होकर झूमता नजर आया। साधु संतों की मौजूदगी में शिलाओं का पूजन हुआ। अब कुछ दिन में इन शिलाओं से भगवान राम आकार लेने शुरू हो जाएंगे।
राम शिलाओं के साथ नेपाल से कई श्रद्धालु भी अयोध्या पहुंचे हैं। ये लोग शगुन के गीत गाकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं। इन श्रद्धालुओं का कहना है कि वह महसूस कर रहे हैं कि अयोध्या में फिर त्रेतायुग लौटकर आ गया है।
सड़क के रास्ते अयोध्या लाई गई हैं शिलाएं
इन दोनों शिलाओं को जनकपुर से सड़क के रास्ते अयोध्या लाया गया है। शिलाओं से लदा ट्रक माता-सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी और गोपालगंज होते हुए गोरखपुर आया। राम भक्तों ने शालिग्राम शिला का जबरदस्त स्वागत किया। नेपाल से शालिग्राम शिलाओं के साथ इनकी पूजा अर्चना के लिए प्रसाद भी आया है।
भगवान राम की प्रतिमा भारत और नेपाल के लोगों को और करीब ला रही है। जनकुपर से शालिग्राम शिलाएं लेकर नेपाल से कई श्रद्धालु भी अयोध्या से पहुंचे हैं। जगह जगह हुए स्वागत से ये लोग अभिभूत नजर आ रहे हैं।
क्या है शिलाओं की खासियत
ये शिलाएं 6 करोड़ साल पुरानी हैं। नेपाल के मुस्तांग जिले में शालिग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से "मोक्ष का स्थान") के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाई गई 6 करोड़ साल पुरानी विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े पिछले बुधवार को नेपाल से रवाना किए गए थे और यही अयोध्या पहुंचे हैं। इसमें एक शिला का वजन 26 टन, दूसरी का 14 टन है।
ये भी पढ़ें-
दिल्ली: तिहाड़ जेल में मोबाइल और चाकू का पहाड़, छापेमारी अभियान में मिलीं चीजें देखकर दंग रह गया प्रशासन
RJD विधायक सुधाकर सिंह के घर पर हुई चोरी, बाथरूम में लगे नल भी ले गए चोर, जूतों को भी नहीं छोड़ा
Latest Uttar Pradesh News