उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल कम होने का नाम नहीं ले रही है। विधायक और योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उसके साथ एक तस्वीर साझा की थी। इसमें उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य का पार्टी में स्वागत किया था। इसके बाद बीजेपी विधायक विनय शाक्य के भी पार्टी से इस्तीफा देने के कयास लगाए जा रहे थे। अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 14 जनवरी को मेरे साथ कई लोग समाजवादी पार्टी जॉइन करेंगे।
विनय शाक्य ने कहा, 'मैं अपने निवास स्थान पर मौजूद हूं। मेरा कोई किडनैप नहीं हुआ है। मैं स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ हूं और समाजवादी पार्टी जॉइन करूंगा।' जबकि इससे पहले उनकी बेटी ने कहा था, 'मेरे पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। हम इलाके में बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन हमारे अंकल पिता जी को लखनऊ ले गए थे। मैं सरकार से गुज़ारिश करती हूं कि वो मेरे पिता का खोज करें।'
एसपी अभिषेक वर्मा ने इस पर सफाई देते हुए कहा था, 'मैंने विनय शाक्य से फोन पर बात की है और वह अभी अपने इटावा के घर पर मौजूद हैं। पुलिसकर्मियों को उनके घर पर तैनात कर दिया गया है। वायरल हो रहा वीडियो निराधार है।' स्वामी प्रसाद मौर्य की गिनती यूपी के दिग्गज नेताओं में होती है और वह 3 बार विधायक रह चुके हैं। उनके पास योगी सरकार में श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी रोशन लाल वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है। बिल्हौर से बीजेपी विधायक भगवती सागर भी इस्तीफा दे सकते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस्तीफे में लिखा था, 'योगी जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है। किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।'
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