अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के लिए उसे PhD की डिग्री से वंचित किया जा रहा है। देश के प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से PhD कर चुके छात्र दानिश रहीम का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडिया में तारीफ करना उसे महंगा पड़ गया है। रहीम का आरोप है कि AMU प्रशासन ने पीएम मोदी की प्रशंसा करने पर उसे डिग्री वापस करने का नोटिस भेजा है।
‘मोदी की तारीफ करने पर मुझे डांटा गया था’
प्रधानमंत्री के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए AMU के छात्र दानिश रहीम ने कहा, ‘AMU ने मुझे भाषा विज्ञान में प्राप्त डिग्री वापस करने और इसके बजाय एडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग (LAM) में डिग्री प्राप्त करने के लिए कहा। यह मेरे साथ इसलिए हो रहा है, क्योंकि मैंने मोदी की प्रशंसा की है।’ उन्होंने दावा किया कि एक न्यूज चैनल पर बाइट देते हुए मोदी की तारीफ करने पर भाषा-विज्ञान विभाग के अध्यक्ष ने उन्हें फटकार लगाई थी। रहीम ने कहा कि उन्हें ऐसे काम करने से परहेज करने को कहा गया जो यूनिवर्सिटी की संस्कृति के खिलाफ हों।
‘मेरा पूरा करियर दांव पर लग जाएगा’
रहीम ने आगे कहा, ‘मुझे अपनी PhD डिग्री वापस एएमयू में जमा करने के लिए एक नोटिस जारी किया गया था। चूंकि मैंने इस प्रतिष्ठित डिग्री को प्राप्त करने के लिए 5 साल की कड़ी मेहनत की है, तो मैं अपनी डिग्री कैसे वापस कर सकता हूं? अगर AMU मेरी PhD डिग्री रद्द कर देता है, तो मेरा पूरा करियर दांव पर लग जाएगा।’ वहीं एएमयू के प्रवक्ता शैफी किडवे ने कहा कि आरोप पूरी तरह निराधार हैं। छात्र ने भाषा विज्ञान विभाग के एलएएम पाठ्यक्रम में एमए और PhD किया, जो भाषा विज्ञान में PhD की डिग्री भी प्रदान करता है।
‘इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं’
चूंकि उन्होंने LAM में MA किया है, इसलिए उन्हें LAM में PhD की डिग्री मिलनी चाहिए। गलती से छात्र को भाषा विज्ञान में PhD की डिग्री दे दी गई, इसलिए डिग्री बदलने को कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रशासनिक निर्णय राजनीति से प्रभावित नहीं है। प्रवक्ता ने कहा, ‘गलती से, उन्हें भाषा-विज्ञान में PhD की डिग्री दी गई थी। गलती को सुधारा जाएगा। इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।’
‘पूरे मामले की जांच की गई’
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने दानिश रहीम को पत्र जारी होने के 7 दिनों के भीतर रिप्लेसमेंट (डिग्री बदलने) के लिए 'गलत डिग्री' वापस करने को कहा था। विश्वविद्यालय ने कहा, ‘पूरे मामले की जांच की गई और कुलपति के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने आदेश दिया है कि आप भाषा-विज्ञान में पहले से जारी गलत PhD डिग्री जमा करें, ताकि सही PhD डिग्री आपको जारी की जा सके।’ (IANS)
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