Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ मिलकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की अपने सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की सलाह को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि सपा को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही ओपी राजभर, अखिलेश को सलाह दे रहे थे। अखिलेश ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजभर की सलाह के बारे में पूछे गए एक सवाल पर स्पष्ट कहा, ''समाजवादी पार्टी को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।''
'कई बार राजनीति पीछे से संचालित होती है'
इस सवाल पर कि राजभर सपा नेतृत्व की कार्यप्रणाली को लेकर नाराज हैं, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ''अब कोई नाराज है तो मैं उसके लिए क्या कर सकता हूं। आजकल जो राजनीति दिखती है वह है नहीं। कई बार राजनीति पीछे से संचालित होती है।''
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों के हाल में सम्पन्न उपचुनाव में सपा के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ओमप्रकाश राजभर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रवैये के खिलाफ मुखर हैं। उन्होंने अखिलेश को वातानुकूलित कमरे से बाहर निकलकर सड़क पर संघर्ष करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि साथ ही पिछले दिनों उन्होंने यह भी कहा था कि सपा और बसपा को वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ना चाहिए। उनकी दलील थी कि जब दोनों ही दल पिछड़ों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं तो फिर चुनाव अलग-अलग क्यों लड़ते हैं। हालांकि सपा और बसपा ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। बसपा को 10 और सपा को पांच सीटों पर कामयाबी मिली थी।
ओपी राजभर ने किए थे ये सवाल
आपको बता दें कि बीते दिनों राजभर ने बलिया के रसड़ा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने दम पर नहीं बल्कि अपने पिता मुलायम सिंह यादव की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में हुआ था लेकिन ताज अखिलेश के सिर सजा। उन्होंने अखिलेश की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ''अखिलेश यादव के नेतृत्व में वर्ष 2014, 2017, 2019 और 2022 में लोकसभा और विधानसभा के जो भी चुनाव हुए, सभी में सपा पराजित हुई। उपचुनाव और विधान परिषद के चुनाव में भी सपा हारी है। अखिलेश यादव स्वयं स्पष्ट करें कि अभी तक एक भी चुनाव में उन्हें जीत क्यों नहीं हासिल हुई।''
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