अलीगढ़: विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में धुआंधार प्रचार में जुटे हुए हैं, मंच से वो मुस्लिम वोटर्स को ललकारते हैं। कहते हैं तुमने अब तक सबको चुना, अपना नुमाइंदा कब चुनोगे। ओवैसी के ऐसे गरजते भाषण सुनते हुए ये समझना मुश्किल नहीं कि उनकी नजर कहां पर है लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मंच के पीछे उनके समर्थक, उनकी पार्टी के नेता कार्यकर्ता कैसी कैसी तरकीबें लोगों को सीखा रहे हैं। ओवैसी की पार्टी के एक जिलाध्यक्ष का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सिखाया जा रहा है- ओवैसी को पीएम बनाना है, तो मुसलमानों को और ज्यादा बच्चे पैदा करने होंगे।
मुस्लिम समुदाय के बीच अलीगढ़ के AIMIM अध्यक्ष की अपील
अलीगढ़ जिलाध्यक्ष AIMIM अलीगढ़ जिलाध्यक्ष गुफरान नूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह ओवैसी को पीएम बनाने की तरकीब बता रहे हैं। गुफरान नूर का तर्क है कि मुस्लिम अधिक बच्चे पैदा नहीं करेंगे, तो कैसे हमारी कौम भारत पर राज करेगी... असदुद्दीन ओवैसी साहब कैसे प्रधानमंत्री बनेंगे, शौकत अली साहब कैसे यूपी के मुख्यमंत्री बनेंगे। वीडियो में गुफरान नूर कह रहे हैं, ''अरे जब बच्चे ना होंगे, तो हम कैसे राज करेंगे, कैसे हमारे ओवैसी साहब प्रधानमंत्री बनेंगे?''
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उनका यह बयान बता रहा है, छोटे छोटे समूहों में जाकर किस तरह AIMIM के लोग ओवैसी को पीएम बनाने का ख्वाब दिखा रहे हैं, जनसंख्या नियंत्रण के लिए 'हम दो हमारे दो' वाली अपील तक की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वह कह रहे हैं, ''अच्छा, हम लोग जो मुसलमान कौम हैं न, ईमान से भी नीचे चली गई है। हर तरीके से। हमारे इस्लाम में लोगों ने कि बच्चे पैदा मत करो, एक बच्चा, दो बच्चा करो। अरे जब बच्चे ना होंगे, तो हम कैसे राज करेंगे, कैसे हमारे ओवैसी साहब प्रधानमंत्री बनेंगे?'' वहीं वीडियो चर्चा में आने के बाद नूर ने सफाई भी दी है। उन्होंने कहा, ''जितनी हिस्सेदारी हमारी कुरबानी में रही है, उतनी भागीदारी पैदावार में नहीं रही है। तो वो चीज चली भी थी कि हर आदमी चाहता है कि मेरा पर्सनल व्यू थे कि मेरे सदर ओवैसी साहब प्रधानमंत्री बनें, तो कैसे, इस तरीके की चर्चा चली थी और इसमें कोई गलत बयानबाजी भी नहीं थी।''
ओवैसी की नजर यूपी के 19% मुस्लिम वोटर्स पर
वीडियो वायरल होने के बाद भी गुफरान अपने बयान पर अडिग है, अडिग रहेंगे भी क्यों नहीं उनकी पार्टी के मुखिया ओवैसी का सियासी अभियान भी कुछ ऐसा ही तो है। ओवैसी खुद को सेकुलर नेता बताते हैं, मुसलमानों से लेकर पिछड़ों और दलितों का नुमाइंदा होने का दावा करते हैं, लेकिन जब चुनाव लड़ने की बात आती है, तो उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ते हैं, जहां जहां मुसलमानों की आबादी ज्यादा हो। मिसाल के लिए यूपी। ओवैसी की नजर यूपी के 19% मुस्लिम वोटर्स पर है जिनका असर 143 सीटों पर है यही वजह है कि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम मेजोरिटी वाली सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बना रही है। यूपी में 70 सीटों पर 20 से 30% मुस्लिम वोट हैं तो 75 सीटों पर करीब 39 से 45 फीसदी।
ओवैसी हैदराबाद से लेकर बिहार और बंगाल तक मुसलमानों को इसी ललकार के साथ चुनावी बिसात बिछाते रहे हैं लेकिन अलीगढ़ वाले वीडियो के जरिए ओवैसी के यूपी प्लान का जो दूसरा पहलू सामने आया है, वो चौंकाने वाला है। ओवैसी खुद अपनी जुबान से मुसलमानों को जनसंख्या बढ़ाने की बात तो नहीं करते, लेकिन उनके सियासी कुनबे में ऐसे तमाम लोग है, जो देश के सामने संकट बढ़ाने वाली तरकीबों को बढ़ा रहे हैं।
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