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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश यमुना एक्सप्रेस-वे पर बीते 7 सालों में कम हुए एक्सीडेंट और मौत के आंकड़े, ये है वजह

यमुना एक्सप्रेस-वे पर बीते 7 सालों में कम हुए एक्सीडेंट और मौत के आंकड़े, ये है वजह

यमुना अथॉरिटी ने जनवरी 2016 से लेकर अक्टूबर 2022 तक के आंकड़े जारी किए हैं। यमुना अथॉरिटी के सीईओ ने बताया यमुना एक्सप्रेस वे पर पहले से अब एक्सीडेंट कम हुए हैं।

yamuna expressway- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO यमुना एक्सप्रेस-वे

ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस-वे 165 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है और नोएडा के जेवर से शुरू होकर आगरा में खत्म होता है। इस पर हुए हादसों की अगर बात करें तो आए दिन बड़े हादसे होते रहते हैं। यमुना अथॉरिटी ने बीते 7 साल के आंकड़ों को साझा किया है, जिनके मुताबिक यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक्सीडेंट्स में भारी गिरावट आई है। बीते 7 साल के आंकड़ों में 2022 में सबसे कम हुए अब तक एक्सीडेंट। यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने 2016 से लेकर अक्टूबर 2022 तक के एक्सीडेंट, मौत और चोट लगने के आंकड़ों को जारी किया है। जिनके मुताबिक 2016 से लेकर 2022 के बीच में अब तक 2022 में सबसे कम एक्सीडेंट अभी तक दर्ज किया गया है।

...तो इसलिए कम हुए हादसे
यमुना अथॉरिटी ने जनवरी 2016 से लेकर अक्टूबर 2022 तक के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है जिनमें एक्सीडेंट, मौत और चोट लगना शामिल हैं। यमुना अथॉरिटी के सीईओ ने बताया यमुना एक्सप्रेस वे पर पहले से अब एक्सीडेंट कम हुए हैं। कम हुए एक्सीडेंट की वजह है की पूरे एक्सप्रेस-वे पर दोनों तरफ 165 किलोमीटर में थ्राई बीम लगाया गया है। 172 बुलनोज लगवाए गए हैं। जगह-जगह और अट्यूनिटर भी लगे हैं। जिनकी वजह से ये हादसे कम हुए हैं।

आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो आंकड़ों के मुताबिक 2016 में जहां 1219 कुल हादसे हुए थे, वहीं 2022 अक्टूबर तक महज 249 हादसे हुए हैं। 2016 में जहां मौत का आंकड़ा 133 था। वहीं 2022 अक्टूबर तक की आंकड़ा महज 91 पहुंचा है। 2016 में जहां 15 से 25 लोगों को चोटें आई थीं।

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