लखनऊ/नोएडा: पूर्व नौकरशाहों ने एक एक पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की थी। नौकरशाहों ने यह मांग बुलंदशहर में भीड़ द्वारा की गई हिंसा के मामले पर की थी। भाजपा के एक विधायक ने पूर्व नौकरशाहों की इस मांग की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें वहां केवल दो लोगों की मौत की चिंता है ‘21 गायों’ कि नहीं। बुलंदशहर के अनूपशहर विधानसभा सीट से विधायक संजय शर्मा ने कहा कि बड़े जनाधार से निर्वाचित मुख्यमंत्री को हटाने का अधिकार केवल जनता को है।
दरअसल 80 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने बुधवार को एक खुला पत्र लिख कर राज्य और केन्द्र सरकार पर तीन दिसंबर को बुलंदशहर के सियाना तहसील में भीड़ के हिंसक हो जाने की घटना को ठीक ढंग से संभाल पाने में विफल होने के आरोप लगाए थे। इन अधिकरियों ने आदित्यनाथ पर कट्टरवादी होने का आरोप लगाया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी। इस पत्र पर जिन लोगों ने दस्तखत किए हैं उनमें पूर्व विदेश सचिव श्याम शरण, सुजाता सिंह, कार्यकर्ता अरुणा राय, हर्षमेंधर, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार और योजना आयोग के पूर्व सचिव एन सी सक्सेना आदि शामिल हैं।
इस पर विधायक ने गुरुवार को एक खुला पत्र लिखा, ‘अब आप सब बुलंदशहर की घटना पर चिंतित हो। आपके कल्पनाशील दिमाग केवल दो लोग सुमित और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी की ही मौत देख पा रहे है। आपको नहीं दिख रहा है कि 21 गाएं भी मरी हैं।’ आपको बता दें कि बुलंदशहर में कथित गोहत्या को लेकर 3 दिसंबर को फैली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक अन्य व्यक्ति की जान चली गई थी।
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