योगी का पीएम मोदी से अनुरोध, दिल्ली और उससे सटे जिलों में आवागमन के लिए बने समग्र नीति
योगी ने लक्षण रहित कोविड-19 संक्रमित लोगों को गृह पृथक-वास के बजाय कोविड अस्पतालों में रखे जाने की इजाजत देने की भी गुजारिश की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित लक्षणरहित मामलों को घरों में पृथक-वास में रखने पर जरूरी अनुशासन का पालन सम्भव नहीं हो पाता।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली और उससे सटे जिलों में आवागमन के लिए एक समग्र नीति बनाने का आग्रह किया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार योगी ने प्रधानमंत्री के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुए संवाद के दौरान आग्रह किया कि दिल्ली एवं उससे सटे जनपदों के लिए एक समग्र नीति बनायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में निरन्तर आवागमन होता रहता है। इसके मद्देनजर कोविड-19 के संदिग्ध तथा लक्षणरहित संक्रमित व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने लक्षण रहित कोविड-19 संक्रमित लोगों को गृह पृथक-वास के बजाय कोविड अस्पतालों में रखे जाने की इजाजत देने की भी गुजारिश की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित लक्षणरहित मामलों को घरों में पृथक-वास में रखने पर जरूरी अनुशासन का पालन सम्भव नहीं हो पाता। इससे संक्रमित के परिजनों को संक्रमण के जोखिम के साथ ही, परिवार के सम्पर्क में आये अन्य व्यक्तियों के माध्यम से संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने व इसके प्रसार पर नियंत्रण के लिए लक्षणरहित कोविड-19 संक्रमित मरीजों को कोविड अस्पतालों में रखे जाने की अनुमति दी जाए। प्रवक्ता के अनुसार योगी ने केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र के सहयोग से राज्य में चिकित्सा के मूलभूत ढांचे को सुदृढ़ करने में बहुत मदद मिली है। इस समय प्रदेश में लेवल-1, लेवल-2, लेवल-3 के कुल 503 कोविड अस्पताल क्रियाशील हैं। इन अस्पतालों में कुल 1,01,236 बिस्तर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में कोविड-19 के संक्रमण की जांच के लिए पांच लाख से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है। वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण से सम्बन्धित प्रतिदिन लगभग 16,000 टेस्ट किए जा रहे हैं। 20 जून तक इसे बढ़ाकर 20,000 किए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों की व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अभी तक राज्य में 1,650 से अधिक श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां आयीं। साथ ही, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 12,000 से अधिक बसें संचालित की गईं।
उन्होंने कहा कि वापस लौटे कामगारों की 80 श्रेणियों में स्किल मैपिंग भी की गई। इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया गया। पृथक-वास से बाहर आने वाले कामगारों को उनकी स्किल के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। योगी ने कहा कि राज्य में कामगारों के लिए ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ का गठन किया गया है।
इस आयोग ने कार्य करना भी प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ होने के पश्चात अब तक राज्य सरकार को प्रदेश में रह रहे और वापस लौटे श्रमिकों को सम्मिलित करते हुए 95 लाख श्रमिकों और कामगारों को रोजगार, नौकरी अथवा स्वरोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में यह संख्या लगभग 60 लाख है।