योगी सरकार बना रही प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए रोडमैप, एप लांच
इस एप में डाटा का डुप्लीकेशन न हो, इसके लिए यूनिक मोबाइल नंबर को आधार बनाया गया है। इसकी एक और विशेषता यह भी है कि यह ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भी काम करता है।
लखनऊ. दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों भविष्य की चिंता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रवासी राहत मित्र एप लांच किया। इसके माध्यम से प्रवासी श्रामिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी एवं विशेष कर उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका प्रदान करने में मदद करना है।
राजस्व विभाग राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी विज्ञाप्ति के अनुसार, इस एप के माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा आपस में इन प्रवासी नागरिकों के रोजगार और आजीविका के लिए रोडमैप बनाने में मदद मिलेगी। इस एप के जरिए शेल्टर केंद्र में ठहरे व अन्य कारणों से पहुंचे प्रवासी श्रमिकों व कामगारों का विवरण होगा।
राजस्व विभाग ने युनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के सहयोग से यह एप तैयार किया है। इसके माध्यम से आश्रय केंद्र में रुके हुए व्यक्तियों एवं किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी व्यक्तियों का पूरा विवरण लिया जाएगा, ताकि उत्तर प्रदेश में आने वाले कोई भी प्रवासी छूट न पाए।
इसमें हर व्यक्ति की मूलभूत जानकारी मसलन, नाम, शैक्षिक योग्य, अस्थायी और स्थायी पता, बैंक अकाउंट का विवरण, कोरोना स्क्रीनिंग के साथ ही 65 से ज्यादा जानकारी एकत्र की जाएगी।
इस एप में डाटा का डुप्लीकेशन न हो, इसके लिए यूनिक मोबाइल नंबर को आधार बनाया गया है। इसकी एक और विशेषता यह भी है कि यह ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भी काम करता है। इसके साथ ही प्रभावी निर्णय लेने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों के डाटा को भी एप में अलग-अलग किया जा सकता है।
डेटा संग्रह का कार्य शीघ्र संपादित हो इसके लिए विकेंद्रीकृत स्तर पर जैसे आश्रय स्थल, ट्रांजिट पॉइंट और व्यक्ति के निवास स्थान पर डेटा संग्रह किया जाएगा। जिलाधिकारी के नेतृत्व डेटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग/नगर निकाय की तथा ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ पंचायती राज विभाग की होगी। एप के माध्यम से संग्रहित डेटा को राज्य स्तर पर स्थापित इंटीग्रेटेड इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम पर स्टोर किया जाएगा।